नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच नई दिल्ली में हुई वार्ता ने भारत–मॉरीशस संबंधों को एक नई गति दी है। दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, अवसंरचना, रणनीतिक सहयोग और वित्तीय सहायता के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सहयोग पर सहमति जताई। कुल मिलाकर लगभग 680 मिलियन अमेरिकी डॉलर (30 बिलियन मॉरीशस रुपया – MUR) के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की गई।
अनुदान आधारित परियोजनाएँ (₹215 मिलियन USD / ₹9.80 बिलियन MUR) : भारत, मॉरीशस को प्रत्यक्ष अनुदान के आधार पर निम्नलिखित परियोजनाओं में सहायता देगा:
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नया सर शिवसागर रामगुलाम राष्ट्रीय अस्पताल
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आयुष उत्कृष्टता केंद्र
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पशु चिकित्सा विद्यालय और अस्पताल
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हेलीकॉप्टरों का प्रावधान
अनुदान + एलओसी आधारित परियोजनाएँ (₹440 मिलियन USD / ₹20.10 बिलियन MUR) : संयुक्त सहयोग के तहत कई प्रमुख अवसंरचना परियोजनाओं को गति दी जाएगी:
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एसएसआर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया एटीसी टावर
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मोटरवे एम4 का विकास
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रिंग रोड चरण-II का निर्माण
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सीएचसीएल द्वारा बंदरगाह उपकरणों की खरीद
रणनीतिक सहयोग : भारत और मॉरीशस ने सुरक्षा एवं समुद्री सहयोग को भी नई दिशा दी। समझौतों के अंतर्गत:
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मॉरीशस में बंदरगाह का पुनर्विकास और पुनर्निर्माण
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चागोस समुद्री संरक्षित क्षेत्र के विकास और निगरानी में भारत का सहयोग
वित्तीय सहायता : भारत ने चालू वित्त वर्ष में 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर की बजटीय सहायता देने पर भी सहमति जताई।
साझा दृष्टिकोण : दोनों नेताओं ने कहा कि यह पैकेज न केवल मॉरीशस के स्वास्थ्य और अवसंरचना विकास को गति देगा बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत–मॉरीशस की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “विश्वास और सहयोग पर आधारित दीर्घकालिक संबंधों का प्रतीक” बताया, वहीं डॉ. रामगुलाम ने भारत को “सच्चा विकास साझेदार” कहा।