उज्जैन : आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट-2025 के माध्यम से मध्यप्रदेश ने अपने आप को वैश्विक वेलनेस हब के रूप में प्रस्तुत किया है। समिट में नीति, निवेश, अध्यात्म और समाज कल्याण का समावेश देखा गया, जिससे प्रदेश के वेलनेस सेक्टर में निवेश को नया बल मिला। कुल 1,929 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले और 14 प्रमुख उद्यमियों से मुख्यमंत्री ने वन-टू-वन संवाद किया।
समिट में सामने आए प्रमुख निवेश प्रस्ताव : इस आयोजन में कई प्रतिष्ठित संस्थानों और कंपनियों ने निवेश रुचि जताई :-
नाम | पद | कंपनी | निवेश (₹ करोड़) |
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डॉ. विनोद भंडारी | फाउंडर एवं चेयरमैन | भंडारी ग्रुप | 984 |
सुरेश सिंह भदौरिया | फाउंडर एवं चेयरमैन | अमलतास ग्रुप | 400 |
राजुल भार्गव | डायरेक्टर | सीएचएल हॉस्पिटल ग्रुप | 200 |
देवांग कपाडिया | डायरेक्टर | लेटेंट डेवकॉन | 100 |
युगांश सोनी | डायरेक्टर | लाभम ग्रुप | 100 |
डॉ. मृत्युंजय स्वामी | सीईओ एवं एमडी | शथायू आयुर्वेद | 75 |
सुदीप रॉय | डायरेक्टर | रॉयल ऑर्किड होटल | 50 |
स्वामी चितासुधन ज्ञान तपस्वी | जोनल हेड | शांतिगिरी आश्रम | 10 |
हितेश्वर सिंह सिसौदिया | सीईओ एवं एमडी | सनसेट डेजर्ट कैंप | 10 |
पर्यावरण व आध्यात्म से जुड़ी पहल : समिट का आयोजन विश्व पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा के संयोग पर हुआ। इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का पुनः शुभारंभ किया गया, जिसके अंतर्गत 5 करोड़ पौधे लगाए गए। वहीं परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आध्यात्मिक संबोधन दिया और उज्जैन में केंद्र खोलने हेतु आशय पत्र राज्य सरकार को सौंपा।
रोजगार, स्वास्थ्य और निवेश के नए द्वार : मुख्यमंत्री ने बताया कि धार्मिक क्षेत्रों में सभी चिकित्सा पद्धतियों के केंद्र विकसित किए जा रहे हैं ताकि लोग स्वास्थ्य लाभ के साथ अध्यात्मिक अनुभव भी प्राप्त कर सकें। उद्योग विकास के संदर्भ में राज्य को “2025 – उद्योग वर्ष” घोषित किया गया है। साथ ही, नीति आयोग द्वारा प्रदेश को सबसे तेज़ी से आगे बढ़ता राज्य माना गया है।
समिट में मध्यप्रदेश सरकार और एनआईपीआर अहमदाबाद के बीच समझौता हुआ, जिसके तहत उज्जैन मेडिकल डिवाइस पार्क को तकनीकी सहयोग मिलेगा।
पैनल चर्चाओं से तैयार हुआ वेलनेस रोडमैप : समिट में आयोजित दो पैनल सत्रों में वेलनेस इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेडिकल टूरिज्म, रोजगार सृजन और कौशल विकास पर चर्चा की गई। इससे प्रदेश में वेलनेस मिशन के दीर्घकालिक रोडमैप की नींव रखी गई।