सुहासिनी ने अभिमन्यु के सामने उठाया सच से पर्दा, अभि ने अक्षु को त्याग पर भी उठाए सवाल

टीवी के लॉन्गेस्ट रनिंग शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में मेकर्स अब दर्शकों को बड़ा ट्विस्ट दिखने वाले हैं। जिसकी शुरुआत भी हो गई है। अब तक एक दूसरे से दूर रहे अक्षरा और अभिमन्यु बड़े ही ड्रामैटिक अंदाज में एक दूसरे के सामने आ गए है। शो में दोनों के सामने आने से दर्शक जहाँ बेहद खुश हैं वहीँ अब नए ट्विस्ट देखकर सभी की धड़कने भी तेज हो रही है।

एपिसोड़ की शुरुआत में अक्षरा अभिमन्यु से कहती है कि वह अकेली उससे अलग हो रही थी जबकि अभिमन्यु परिवार और अपने काम के करीब था। अक्षरा अभिमन्यु से पूछती है कि क्या उसने उसके हाल-चाल के बारे में पूछने की कोशिश की।

अभिमन्यु अक्षरा को जाने के लिए कहता है लेकिन अक्षरा अपनी बात पूरी करने पर अड़ी रहती है। अभिमन्यु अक्षरा को नजरअंदाज करने की कोशिश करता है।

अभिमन्यु ने अक्षरा से किया सवाल
अक्षरा कहती हैं कि अभिमन्यु ने उन्हें 24 घंटे दिए लेकिन अपना भरोसा नहीं दिया। बिना सोचे समझे अपने घर मीडिया लाने के लिए अक्षरा अभिमन्यु पर गुस्सा हो जाती है। तभी अभिमन्यु ने अक्षरा से उनके रिश्ते में उनके योगदान के बारे में सवाल किया।

वह पूछता है कि उसने एक साल पहले क्यों छोड़ा। तभी सुहासिनी आती है और कहती है कि वह सच कहेगी। अक्षरा सुहासिनी को रोकने की कोशिश करती है। सुहासिनी उसे न रोकने के लिए कहती है।

सुहासिनी ने बताया सच
सुहासिनी आगे कहती हैं कि कैसे कुणाल ने अक्षरा को माया की आवाज बनने के लिए मजबूर किया। सुहासिनी बताती है कि अक्षरा ने अपने सपने और घर का बलिदान दिया ताकि अभिमन्यु को फिर से डॉक्टर अभिमन्यु कहा जा सके।

वह कहती हैं कि अक्षरा कायरव की वजह से नहीं गई बल्कि अभिमन्यु की वजह से गई थी। सुहासिनी अक्षरा को अपने साथ ले जाती है तभी अभिमन्यु सुहासिनी को रोकता है।

अभिमन्यु ने अक्षु के त्याग को बताया बेकार
वह कहता है कि अगर अक्षरा ने उसके हाथ के लिए ये बलिदान दिया है तो ये बेवकूफी भरा है। अभिमन्यु ने कहा कि उसने मंजरी को बलिदान करते देखा और अक्षरा से कभी भी कोई बलिदान नहीं करने को कहा,

लेकिन उसने उसे नजरअंदाज कर दिया। अक्षरा अभिमन्यु से उसके लिए उसके प्यार पर सवाल नहीं उठाने के लिए कहती है। अभिमन्यु का कहता है कि अक्षरा त्याग करके महान बनना चाहती है।

इधर गोयनका परिवार अक्षरा को समझाते है। स्वर्णा अक्षरा के बलिदान के साहस की प्रशंसा करती है। नील अभिमन्यु से कहता है कि वह दर्द में था लेकिन अक्षरा के बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हर्ष कहता है कि अक्षरा ने प्यार में जो किया वह आसान नहीं है।

इधर सुहासिनी आरोही से अक्षरा से सवाल करना बंद करने के लिए कहती है क्योंकि वह इतनी बड़ी नहीं हुई है कि समझ सके कि प्यार में बलिदान क्या कहलाता है। स्वर्णा कहती है कि उन्हें अभिमन्यु को समझाने की जरूरत है लेकिन अक्षरा मना कर देती है।

प्रीकैप : अखिलेश आनंद पर नशे की हालत में सर्जरी करने का आरोप लगाता है, पार्थ अभिमन्यु को सच बताने का फैसला करता है और उसे मिलने के लिए बुलाता है।

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