हड़ताल से वापिस लौटे सहकारिता कर्मचारियों से प्रशासन ने मांग शपथ पत्र, कर्मचारियों ने जताई नाराजगी

दतिया ।  सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन ने उनसे एक शपथ पत्र मांगा है। इस शपथ पत्र के कारण फिर व्यवस्था में पेंच आ गया है। इस शपथ पत्र में चार बिंदुवार शर्ते दी गई हैं। जिसे सहकारिता कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि यह सब सिर्फ दतिया जिले में ही हो रहा है। इससे अब राशन वितरण और गेंहूं खरीदी पंजीयन अटकने की संभावना नजर आ रही हैं।

सहकारिता कर्मचारियों ने जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों सहित कलेक्टर को हड़ताल समाप्त होने की सूचना गत मंगलवार को दी थी। जिला प्रशासन ने बुधवार को एक शपथ पत्र का प्रारूप तैयार करके सहकारिता का कर्मचारियों दिया है। जिसमें उल्लेख है कि समिति में संचालित होने वाले समस्त कार्यों का सहकारिता कर्मचारी निष्ठावान तरीके से पालन करेंगे और ऋण वितरण एवं वसूली में पूर्ण रुचि लेंगे। प्रतिमाह खाद्य सामग्री का पीडीएस मशीन से वितरण कराकर उसकी बिक्री उपरांत तत्काल जमा कराएंगे। इसके अलावा शपथ पत्र में यह भी बिंदु है कि माह जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक बैंक में जमा पीडीएस राशि की रसीदें सात दिनों में उपलब्ध कराई जाएगी। इन सब बिंदुओं को सौ रुपये के शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करके सहकारिता कर्मचारियों को देना होगा। इसे लेकर स्थानीय सहकारिता कर्मचारी भड़क गए हैं और अब काम नहीं करने की बात कह रहे हैं।

बता दें कि सहकारिता कर्मचारी की हड़ताल की वजह से जिले में गेहूं खरीदी पंजीयन बहुत ज्यादा पिछड़ गया था, वहीं जिले के 70 हजार लोगों को राशन वितरण नहीं किया जा रहा। इसके लिए स्थानीय जिला प्रशासन ने बार-बार व्यवस्थाएं बदली थी। उसके बाद भी राशन का कार्य सुचारू नहीं हो पाया था। सहकारिता आंदोलनरत सभी कर्मचारी कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को हड़ताल समाप्ति की सूचना देने पहुंचे थे। इसके बाद जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।

इस मामले में सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ दतिया जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा का कहना है कि सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल तो समाप्त हो गई है, परंतु दतिया जिला प्रशासन ने जिस तरीके का शपथ पत्र मांगा है वैसा प्रदेश के अन्य किसी भी जिले में नहीं मांगा गया है। इससे लगता है कि उन्हें सहकारिता कर्मचारियों की नियत पर शक है। अभी हमने कार्य शुरू नहीं किया है। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

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