दतिया : ग्राम उचाड़ में सिंध नदी में डूबी तीसरी किशोरी का शव करीब 32 घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ढूंढ सकी।इससे पहले एनडीआरएफ की टीम ने गुरुवार सुबह भी वोट से शव ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन सफलता न मिलने पर मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने दो और टीम ग्वालियर से बुलाई गई.
जिसके बाद वैष्णवी का शव उचाड़ सिंध नदी से दो किमी दूर ग्वालियर की ओर खोज लिया गया। वहीं गुरुवार दोपहर कलेक्टर संजय कुमार एवं एसपी अमन सिंह भी उचाड़ पहुंचे।
जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया साथ ही 4 लाख रुपये की नियमानुसार सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की। गत बुधवार को सुबह 9 बजे मामुलिया विसर्जित करने सिंध नदी पर गई तीन किशोरियों की डूबने से मौत हो गई थी।
इस घटना में संगीता बघेल पुत्री कप्तान बघेल, खुशबू पुत्री शिबू केवट एवं वैष्णवी पुत्री जनवेद की जान चली गई थी। घटना वाले दिन रेस्क्यू टीम और ग्रामीणों ने मिलकर संगीता और खुशबू का शव नदी से निकाल लिया था। लेकिन वैष्णवी का शव नहीं मिलने के कारण देर शाम तक एनडीआरएफ की टीम वोट में बैठकर उसकी खोज करती रही।
इस दौरान एनडीआरएफ टीम के सदस्यों द्वारा की जा रही रेस्क्यू की औपचारिकता को लेकर गांव के लोग आक्रोशित भी हुए। वहीं तहसीलदार सुनील भदौरिया को भी टीम के सदस्यों को सही तरीके से शव की तलाश करने की हिदायत देनी पड़ी थी।
अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू में परेशानी के चलते टीम वापिस लौट गई थी। जिसने अगले दिन गुरुवार को फिर से शव की तलाश शुरू की, लेकिन सफलता न मिलते देख प्रशासनिक अधिकारियों ने दो और टीम ग्वालियर से बुलाई गई।
32 घंटे बाद मिल सका शव
तीसरी किशोरी वैष्णवी का शव घटना के 32 घंटे बाद ढूंढा जा सके। इस दौरान ग्रामीण भी नाव लेकर सिंध नदी में शव को लगातार ढूंढने का प्रयास करते रहे। रेस्क्यू टीम की कार्रवाई से अधिकांश ग्रामीण असंतुष्ट नजर आए।
वहीं मृतक वैष्णवी के पिता जनवेद और चाचा ने एनडीआरएफ टीम द्वारा सही ढंग से शव की खोजबीन न किए जाने के कलेक्टर व एसपी के समक्ष आरोप भी लगाए थे। जिसके बाद दो और टीमों को बुलाकर तलाश शुरू कराई गई। शाम करीब 5 बजे वैष्णवी का शव बरामद कर लिया गया।