गहलोत की सॉरी के बाद दिग्विजय सिंह अब मैदान में : दिल्ली पहुंचकर लिया नामांकन, इधर राजस्थान में गर्माया राजनीतिक माहौल

New Delhi News : नईदिल्ली । कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लगातार पेचीदा होता जा रहा है। पहले राहुल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इंकार करना। इसके साथ गांधी परिवार से अलग किसी और को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई। फिर गांधी परिवार ने अपना सबसे विश्वसनीय सिपहेसलार ढूंढ़ा। जिसमें राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का नाम सामने आया। गहलोत पहले से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इंकार कर रहे थे।

लेकिन जब उन पर आलाकमान का दबाब आया तो वह तैयार हुए। इसी बीच एक व्यक्ति एक पद की बात ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया। जिसके बाद कांग्रेस के सामने अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने से पहले ही पार्टी की राजस्थान सरकार पर छाए संकट से जूझने की स्थिति पैदा हो गई। गुरुवार को एक बार फिर माहौल बदला और मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को दिल्ली पहुंचे। जहां निर्णय के बाद अब दिग्गी को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा गया है।

दिग्विजय सिंह दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने बताया कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन भरूंगा। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने 1-2 दिन के अंदर राजस्थान का मामला सुलझ जाने की उम्मीद जताई। वेणुगोपाल ने सोनिया से मुलाकात के बाद यह बात कही।

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कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया नाराज, दिल्ली पहुंचे गहलोत : कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी हाल में राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवरों के बाद हुए घटनाक्रम से नाराज बताई जाती हैं। बताया जाता है कि राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार और गहलोत के समर्थक मंत्रियों के बयानों को हाईकमान ने अपने आदेशों का उल्लंघन और गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस भी जारी किए थे।

इस सबको लेकर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। मीटिंग के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना को लेकर मैंने उनसे माफी मांगी है।

राजस्थान में कौन बनेगा मुख्यमंत्री? : वर्तमान हालात में राजस्थान की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी। है। ऐसे में वहां मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला एक-दो दिन में हो जाएगा। दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद गुरुवार शाम कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि एक बार फिर ऑब्जर्वर जयपुर जाएंगे।

विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि गहलोत मुख्यमंत्री रहेंगे या नहीं। इधर इस सबको लेकर सचिन पायलट वॉच एंड वेट की भूमिका में नजर आ रहे हैं। पायलट गुट की ओर से खामोशी बरती जा रही है।

दिग्गी और थरुर हो सकते हैं आमने सामने : गहलोत के मैदान से हटने के बाद हाल की स्थिति में जो समीकरण बन रहे हैं उनको देखते हुए लगता है कि अब दिग्विजय सिंह और शशि थरुर के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी के लिए मुकाबला हो सकता है। नामांकन वापिस के बाद ही इस मामले में स्थिति साफ हो सकेगी।

वहीं गहलोत का कहना था कि ‘हमारे यहां हमेशा से परंपरा रही है कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का दुख रहेगा। इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के संदेश गए हैं। बताया जाता है कि सोनिया से मुलाकात के लिए जाते समय गहलोत के हाथ में एक माफीनामा भी था।

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