ईश्वर के बाद चिकित्सक का स्थान होता है सर्वोपरि, मेडीकल के छात्रों से बोले चिकित्सा शिक्षा मंत्री

दतिया।  महाविद्यालय से पास आऊट निकले चिकित्सकों पर हजारों लोगों की जान बचाने की जबावदेही है। इसलिए चिकित्सा महाविद्यालय के मेडीकल छात्रों को इस प्रकार की शिक्षा दें कि चिकित्सक सहित चिकित्सा महाविद्यालय का भी नाम रोशन हो। यह बात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को दतिया पहुंचकर मेडीकल काॅलेज के सभाकक्ष में महाविद्यालय की समीक्षा बैठक के दौरान कही। बैठक मंे कलेक्टर संजय कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया, मेडीकल काॅलेज डीन डाॅ. राजेश गौर सहित मेडीकल काॅलेजों के विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।

मंत्री सारंग ने बैठक को संबोधित करते हुए कहाकि आम जनता को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में मेडीकल काॅलेज की अहम् भूमिका है। ईश्वर के बाद चिकित्सक का स्थान है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय में कार्यरत चिकित्सक ही समाज के ऐसे व्यक्ति है जो शिक्षा देने के साथ स्वास्थ्य शिक्षा से भी जुड़े हुए है। इस प्रकार की सेवा का अवसर अन्य किसी को प्राप्त नहीं है। मंत्री सारंग ने कहाकि मप्र देश का पहला राज्य है जहां मेडीकल काॅलेज के स्टूडेंस के लिए 10 लाख रुपये का मेडीकल बीमा कराया गया है। उन्हें बीमा पाॅलीसी में शामिल किया गया है।

मेडीकल कालेज का किया निरीक्षण

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने मेडीकल कालेज का निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री सारंग ने ऐनाटाॅमी, डिसेक्सन हाॅल, माईक्रोबाॅयलाॅजी लेब, म्यूजियम, स्टूडंेस लेक्चर हाॅल आदि विभागों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के चिकित्सकीय छात्र-छात्राओं की समस्याओं के संबंध में चर्चा कर जानकारी ली। उन्होंने संबंधितों को कहाकि प्रत्येक विभाग में उपलब्ध मशीनों पर स्टीकर आवश्यक रूप से लगाए जाएं। जिस पर मशीन का नाम, बैच नम्बर, एक्सपायरी डेट, संचालित करने वाले का नाम एवं दूरभाष आदि आवश्यक रूप से लिखे हों। फारेसिंक विभाग एवं रेडियोलाॅजिस्टि के रिक्त पद पर भी चर्चा की गई।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter