Datia news : दतिया। झांसी मेडीकल कालेज में नौनिहाल बच्चों के झुलसकर मरने की दर्दनाक घटना के बाद पड़ौसी जिले दतिया में भी अस्पताल प्रशासन सतर्क हो गया है। इसे लेकर कलेक्टर की हिदायत पर अस्पताल प्रशासन ने दतिया जिला चिकित्सालय में बने एसएनसीयू वार्ड में फायर सिस्टम की जांच पड़ताल की। ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना यहां न हो। साथ ही कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया।
झांसी के मेडीकल कालेज के एसएनसीयू में शार्ट सर्किट से भड़की आग में झुलसे बच्चों की मौत की दर्दनाक घटना के बाद दतिया जिला अस्पताल प्रशासन को कलेक्टर संदीप माकिन ने वहां के फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच करने की हिदायत दी। कलेक्टर की हिदायत पर अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और शनिवार को टीम एसएनसीयू में मुआयना करने पहुंची।
इस दौरान नगर पालिका एई देवेंद्र कोल, सिविल सर्जन डा. केसी राठौर एवं अस्पताल प्रबंधक डा.राजेश पटेल ने एसएनसीयू जिला चिकित्सालय दतिया में फायर फाइटिंग की जांच कर वहां की व्यवस्थाएं जांची।
उक्त तीनों अधिकारियों द्वारा एसएनसीयू परिसर का निरीक्षण किया गया। जिसमें फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर एवं फायर सिलेंडर को क्रियाशील अवस्था में पाया गया। साथ लूज हैंगिंग वायर मौजूद नहीं मिले।
वर्तमान में चिकित्सालय में चल रहे फायर सेफ्टी सिस्टम में स्प्रिंकलर सिस्टम, टेरेस लेवल फायर पंप, टेरेस लेवल टैंक के काम को तेजी से पूर्ण कराने के लिए भी ठेकेदार को निर्देशत करने को कहा गया। इसके लिए सिविल सर्जन के माध्यम से सूचना पत्र भेजा जाएगा। इस दौरान सभी स्टाफ से फायर ट्रेनिंग संबंधी जानकारी भी ली गई।
टीम ने सभी को जानकारी दी कि आग लगने के लिए तीन घटक ईधन फ्यूल, ऊष्मा और आक्सीजन की अवश्यकता होती है। इसके साथ ही आग बुझाने के लिए उक्त तीनों घटकों में से किसी भी एक घटक को अलग करने से आग बुझ जाती है।
आवश्यकता पड़ने पर उक्त सिद्धांत के आधार पर कार्रवाई करने के लिए एकजुट होकर किसी भी दुर्घटना से निपटे। साथ ही परिसर में कोई अग्निशामक अथवा ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग न करने को भी कहा गया।