पत्नी को मारकर घर के किबाड़ पर लिख दिया था हत्या का कारण : सनकी पति को मिली आजीवन कारावास की सजा

Datia news : दतिया। पत्नी की हत्या कर उसके चरित्र के बारे में किवाड़ पर लिखकर पति फरार हो गया। मौके पर जब पुलिस पहुंची तो घर के किबाड़ पर महिला को जान से मारने का कारण लिखा मिला। वहीं घर के अंदर से एक पचास पेज की डायरी भी जप्त हुई। जिसमें आरोपित पति ने अपनी पत्नी के चाल चलन को लेकर आपबीती लिख रही थी। इन सबूतों के आधार पर पुलिस ने आरोपित पति काे गिरफ्तार कर लिया। जब इस मामले की सुनवाई हुई तो न्यायालय ने आरोपित को आजीवन कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश जीसी शर्मा ने उक्त सजा से आरोपित रामकिशुन कुशवाह पुत्र रघुवर कुशवाह निवासी वर्कशाप के पीछे हनुमानगढ़ी दतिया को दंडित किया। मामले की पैरवी आरसी चतुर्वेदी जिला अभियोजन अधिकारी एवं सुदीप शर्मा सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ने की।

जिला अभियोजन की मीडिया सेल प्रभारी संचिता अवस्थी ने बताया कि आरोपित पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी किया गया है। घटना के मुताबिक 26 जुलाई 2017 को फरियादी भगवान सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह ग्राम डगरई डेरा रावतपुरा कालेज के पास रहता है। उसे 12 बजे के लगभग सूचना प्राप्त हुई कि उसकी बहन की हत्या उसके पति रामकिशुन ने कर दी है। वह मौके पर पहुंचा और पुलिस को सूचना दी।

वहां उसने देखा कि आरोपित ने घटनास्थल घर के किवाड़ों पर अपनी पत्नी के चरित्र को लेकर शंका करने वाले तथ्य लिखे थे। साथ ही मौके पर ही एक पचास पेज की डायरी भी बरामद हुई। जिसमें आपबीती लिखी हुई थी। उस आपबीती कहानी में उसने पत्नी पूजा के चरित्र के बारे में बातें लिख रखी थी।

अनुसंधान दौरान पुलिस ने मौके से उक्त डायरियां जप्त की और किवाड़ पर लिखे तथ्यों का पंचनामा बनाया। आरोपित की हस्तलिपि की जांच कराए जाने पर पता चला कि पचास पेज की डायरी आरोपित रामकिशुन ने ही लिखी थी।

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जेल में की आत्महत्या की कोशिश : पुलिस ने जब आरोपित को गिरफ्तार किया तो घटना के समय पहने हुए कपड़े तथा मौके पर पड़ा हुआ ईट का टुकड़ा, जिससे चोट पहुंचाई थी, बरामद कर एफएसएल भेजकर डीएनए परीक्षण कराया। ईट पर खून आरोपित का ही निकला।

आरोपित को जिला जेल दतिया भेजा गया तो यहां पर भी उसने आत्महत्या का प्रयास किया। इस दौरान उसकी जेब एक सोसाइड नोट भी मिला था। इन सब तथ्यों को अभियोजन की ओर से न्यायालय के समक्ष रखा गया।

जिस पर न्यायालय द्वारा विश्वास करते हुए आरोपित को मृतका पूजा की हत्या करने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया।

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