किशोरी की मौत के बाद स्वजन ने घेरा स्टेट हाइवे : अस्पताल को सीज करने की उठी मांग, तीन घंटे तक सड़क पर डटे रहे समाज के लोग

Datia news दतिया। 14 वर्षीय किशोरी की आपरेशन के दौरान दतिया के निजी अस्पताल में मौत हो गई। इस घटना में डाक्टरों की लापरवाही मानते हुए मृतका के स्वजन आक्रोशित हो गए।

उन्होंने उसका शव अस्पताल के सामने बीच सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। स्टेट हाइवे पर तीन घंटे से अधिक समय तक दोनों ओर वाहनों का आवागमन बंद रहा। जिसके चलते कई वाहनों को रास्ता बदल कर निकलना पड़ा।

वजन का आरोप था कि पथरी जैसे आपरेशन में अस्पताल के डाक्टरों ने लापरवाही बरती है। जिसके कारण किशोरी की मौत हो गई। किशोरी की मौत से गुस्साए स्वजन ने सेवढ़ा रोड पर अस्पताल के सामने बीच सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया और नारेबाजी शुरु कर दी। इस दौरान आंधी और बारिश से मौसम भी बिगड़ा लेकिन आक्रोशित मौके से नहीं हटे।

स्वजन की मांग थी कि अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दोषी संचालक और डाक्टरों पर एफआईआर दर्ज की जाए। नाराज स्वजन करीब तीन घंटे तक सड़क घेरे रहे।

जाम की सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना टीआई सुनील बनोरिया ने गुस्साए लोगों को समझाने की कोशिश की। लेकिन जब वह नहीं माने तो वरिष्ठ अधिकारियों को खबर दी गई।

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मौके पर पहुंची एसडीओपी प्रियंका मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा व तहसीलदार बीएम आर्य ने मृतका के स्वजन को समझाइश दी कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पीएम रिपोर्ट जरुरी है। इसके बाद स्वजन मानें और शव का पीएम कराने को तैयार हुए। तब जाकर जाम खुल सका।

पथरी के आपरेशन के दौरान गई जान : इस मामले में इंदरगढ़ निवासी सोबरन वंशकार ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ 14 वर्षीय बेटी नेहा वंशकार को आपरेशन के लिए बाइक पर बैठाकर दतिया लाए थे।

नेहा के पित्त की थैली में 17 एमएम की पथरी का आपरेशन होना था। आपरेशन के लिए उन्होंने शुक्रवार साढ़े तीन बजे नेहा को दतिया में सेवढ़ा रोड स्थित एसएस हास्पिटल में उसे भर्ती कराया।

जहां सारी रिपोर्ट और अल्ट्रा साउंड अस्पताल में जमा करा दिए। आपरेशन के लिए पांच हजार रुपये भी सोबरन ने अस्पताल में जमा कराए थे। शेष 15 हजार आपरेशन के बाद देने को कहा था।

शाम को सात बजे डाक्टर नेहा को आपरेशन के लिए ले गए। करीब एक घंटे बाद आठ बजे किशोरी को आपरेशन थियेटर से बाहर लाया गया। इस दौरान वह काफी चीख रही थी।

स्वजन ने उसकी हालत देख डाक्टर के सामने जब चिंता जताई तो उन्होंने एक ड्रिप लगा दी। इसके कुछ देर बाद ही किशोरी ने दमतोड़ दिया।

मृतका नेहा की मां का कहना था अस्पताल वालों ने उन्हें गुमराह कर नेहा की मौत की बात छुपाते हुए उसे झांसी लेकर जाने की बात कही। जब वह झांसी लेकर पहुंचे तो वहां बताया गया कि उनकी बेटी की मौत तो पहले ही हो चुकी है।

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