नई दिल्ली : बाल तस्करी एक गंभीर अपराध है और मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब रूप है, जो कि हमारे देश के कई हिस्सों में देखने को मिल रहा है; इससे नया भारत, एक प्रगतिशील भारत के लक्ष्य को पाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। बाल तस्करी से निपटने के लिए विभिन्न वर्गों के हितधारकों के हस्तक्षेप और उनके द्वारा ध्यान देने की आवश्यकता है।
हमारे देश के कई जिलों के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाएं जुड़ी हैं जिसमें मौजूद कमियां ऐसी स्थितियों को बढ़ावा देती हैं जो तस्करों को आकर्षित करती हैं और इस काम को करने में सक्षम बनाती हैं। बच्चे आसान लक्ष्य होते हैं जो अपने शिकार की तलाश में लगातार लगे इन शिकारियों के चंगुल में फंस जाते हैं।

पीड़ित बच्चे शोषण के गंभीर रूपों , जैसे शारीरिक, यौन और भावनात्मक हिंसा, दुर्व्यवहार, यातना और सदमा, जबरन और बंधुआ मजदूरी, जबरन विवाह और दासता आदि का सामना करते हैं। बाल तस्करी के पीड़ितों द्वारा सामना की जाने वाली क्रूरता और अन्याय अक्सर समझ से भी परे है; इसमें उनका जीवन नष्ट हो जाता है जिसे सुधार पाना भी संभव नहीं होता; और वे अधिकारों से वंचित रहते हैं।

बाल तस्करी के खतरे से निपटने के लिए, भारत की संसद का एक अधिनियम बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत गठित एक शीर्ष सांविधिक निकाय नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) दिए गए अधिदेश और अधिकार क्षेत्र के तहत कदम उठा रहा है। इस संबंध में, एनसीपीसीआर 30 जुलाई, 2022 को “मानव तस्करी के खिलाफ विश्व दिवस” मना रहा है।
इस अवसर पर, प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष का उत्सव मनाने और स्मरण करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के एक भाग के रूप में,स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एससीपीसीआर) और जिला प्रशासन के सहयोग से एनसीपीसीआर भारत के 75 सीमावर्ती जिलों में (सूची संलग्न) 25 दिवसीय एक अभियान चला रहा है।
इस संबंध में, चयनित 75 जिलों में संवेदनशीलता बढ़ाने के लिए होने वाले जिला स्तरीय कार्यक्रम में स्पेशल जूवनाइल पुलिस यूनिट (एसजेपीयू), एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू), थानों के चाइल्ड वेलफेयर पुलिस ऑफिसर (सीडब्ल्यूपीओ), बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), जूवनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) और मानव तस्करी के मुद्दों पर देश के चिन्हित 75 सीमावर्ती जिलों में सक्रिय विशेष बल के प्रतिनिधियों के द्वारा भाग लिया जाएगा। इस अभियान के दौरान एनसीपीसीआर के अधिकारी सीमावर्ती गांवों का दौरा करेंगे और सीमावर्ती जिलों के बच्चों के साथ अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत के सीमावर्ती जिलों में बाल तस्करी से निपटने के लिए जोखिम के दायरे में आने वाले बच्चों, असुरक्षित बच्चों की पहचान करने और रोकथाम के लिए बुनियादी संकेतकों को लेकर प्रमुख हितधारकों को संवेदनशील बनाना है। आयोग के विशेषज्ञ, राज्य आयोगों के अध्यक्ष/सदस्य और विषय से जुड़े विशेषज्ञ इस विषय पर एक प्रस्तुति देंगे और आपस में संवाद के सत्र के बाद सीमावर्ती जिलों में बाल तस्करी से निपटने के लिए एक योजना तैयार करेंगे।
अभियान के तहत देश के 75 सीमावर्ती जिले बाल तस्करी के इस खतरे का मुकाबला करने और बच्चों के प्रति इस गंभीर अपराध को रोकने में सभी हितधारकों के लिए जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने वाले कार्यक्रम के गवाह बनेंगे।
क्रमांक | राज्य | सीमावर्ती जिले |
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असम 8 जिले | बक्सा |
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उदलगुरी | |
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धुबरी | |
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कोकराझार | |
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दक्षिणी सलमारा- मनकाचार | |
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काक्षार | |
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करीमगंज | |
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चिरांग | |
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बिहार- 7 जिले | अररिया |
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किशनगंज | |
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सुपौल | |
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मधुबनी | |
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पश्चिम चंपारन- बेतिया | |
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सीतामढ़ी | |
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ईस्ट चंपारण | |
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मणिपुर 6 जिले | उखरुल |
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कमजोंग | |
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चुरा चांदपुर | |
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फेरजॉल | |
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तेंगनोपॉल | |
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चंदेल | |
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मेघालय 8 जिले | ईस्ट खासी हिल्स |
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वेस्ट खासी हिल्स | |
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वेस्ट गारो हिल्स | |
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साउथ-वेस्ट खासी हिल्स | |
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साउथ गारो हिल्स | |
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साउथ वेस्ट खासी हिल्स | |
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ईस्ट जयंतिया हिल्स | |
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वेस्ट जयंतिया हिल्स | |
क्रमांक | राज्य | सीमावर्ती जिले |
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मिजोरम | मामित |
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सईतुल | |
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सरछिप | |
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नाथ्याल | |
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नागालैंड | लुंगलेई |
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लवांगत्लाई | |
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सियाहा | |
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चम्फाई | |
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खाज्वाल | |
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किफ्रे | |
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ह्क | |
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नोकलाक | |
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तुनसांग | |
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मोन | |
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सिक्किम –2 जिले | वेस्ट सिक्किम |
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नॉर्थ सिक्किम | |
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त्रिपुरा- 8 जिले | धलई |
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गोमती | |
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ख्वाई | |
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नॉर्थ त्रिपुरा | |
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सेपहिजाला | |
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साउथ त्रिपुरा | |
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उनाकोटी | |
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वेस्ट त्रिपुरा | |
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उत्तर प्रदेश- 8 जिले | बहराइच |
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बलरामपुर | |
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कुशीनगर | |
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लखीमपुर खीरी | |
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महाराजगंज | |
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पीलीभीत | |
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श्रावस्ती | |
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सिद्धार्थ नगर | |
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उत्तराखंड 3 जिले | चंपावत |
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पिथौरागढ़ | |
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ऊधम सिंह नगर | |
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पश्चिम बंगाल- 11 जिले | उत्तर दिनाजपुर |
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दक्षिण दिनाजपुर | |
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माल्दा | |
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दार्जिलिंग | |
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कूचबिहार | |
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अलीपुरदुर | |
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कलीमपोंग | |
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जलपाईगुड़ी | |
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नॉर्थ-24 परगना | |
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नादिया | |
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मुर्शिदाबाद |