भुज : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयरफोर्स स्टेशन पर भारतीय वायुसेना के जवानों को संबोधित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत का हिस्सा बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद के हर स्वरूप को जड़ से खत्म करने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
“ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक ट्रेलर था”
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी,“हमारी कार्रवाई एक ट्रेलर थी, जरूरत पड़ी तो पूरी फिल्म दिखाएंगे।”
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को केवल उसके व्यवहार के आधार पर स्थगित किया है, और यदि कोई गड़बड़ी होती है, तो कड़ी से कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी।
IMF से पाकिस्तान को सहायता देने पर पुनर्विचार की मांग

रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान फिर से आतंकी ढांचे का पुनर्निर्माण कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली 1 अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे, क्योंकि यह राशि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को आर्थिक रूप से सहयोग कर सकती है।
“IMF की सहायता अगर आतंकियों के वित्तपोषण में लगेगी तो यह अप्रत्यक्ष आतंक पोषण है।”
भारतीय वायुसेना की निर्णायक भूमिका
राजनाथ सिंह ने भारतीय वायुसेना की सराहना करते हुए कहा कि सिर्फ 23 मिनट में आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया।
“दुनिया ने देखा कि कैसे भारत ने बिना सीमा पार किए पाकिस्तान में आतंकियों को खत्म कर दिया।”
उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि भारत की रणनीति, तकनीक और आत्मनिर्भरता कैसे नए स्तर पर पहुंच चुकी है। आज भारत आयात पर निर्भर नहीं, बल्कि
मिसाइल, रडार, ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का निर्माण स्वयं कर रहा है।
ब्रह्मोस की ताकत और आत्मनिर्भर भारत का संदेश
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए। “अब भारत न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।”
उन्होंने डीआरडीओ द्वारा बनाए गए आकाश मिसाइल और रडार सिस्टम की भी प्रशंसा की, जिन्होंने युद्ध के दौरान निर्णायक भूमिका निभाई।
देशव्यापी समर्थन और सेना के प्रति आस्था
राजनाथ सिंह ने कहा कि पहल्गाम में मारे गए नागरिकों और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए सैनिकों को समर्पित यह लड़ाई पूरी तरह से जन समर्थन से जुड़ी है। “भारत का हर नागरिक अब एक सैनिक की तरह आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार और सशस्त्र बल सीमाओं की सुरक्षा, नई तकनीकों के समावेश, और आत्मनिर्भर रक्षा क्षमता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भुज: भारत की विजय गाथाओं का गवाह
राजनाथ सिंह ने भुज को 1965, 1971 और वर्तमान दौर की रक्षा उपलब्धियों का प्रतीक बताते हुए इसे देशभक्ति की भूमि कहा। उन्होंने वायुसेना, बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों को सलाम किया और उनकी वीरता को राष्ट्र के गौरव के रूप में सम्मानित किया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। रक्षा मंत्री ने घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
निष्कर्ष
राजनाथ सिंह का यह संबोधन भारत की नई सैन्य नीति और दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। आतंकवाद के प्रति “जीरो टॉलरेंस” और स्वदेशी सैन्य शक्ति के बल पर भारत अब न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा कर रहा है, बल्कि एक वैश्विक उदाहरण भी प्रस्तुत कर रहा है कि कैसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाएं।