लखनऊ : सरयू नहर परियोजना को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जमकर शब्द बाण चले। अखिलेश यादव ने इसे अपनी सरकार की परियोजना बता कर भाजपा सरकार को ‘कैंचीजीवी’ करार दिया।
वहीं मोदी परोक्ष तौर पर यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि हो सकता है उन्होंने ‘बचपन’ में इस परियोजना का फीता काटा हो। प्रधानमंत्री मोदी ने बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। इससे पहले अखिलेश यादव ने एक ट्वीट करके भाजपा सरकार पर निशाना साधा।

दुनिया में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं कुछ वो जो सच में काम करते हैं और कुछ वो जो दूसरों का काम अपने नाम करते हैं…सपा की काम करनेवाली सरकार में और आज की ‘कैंचीजीवी’ सरकार में ये फ़र्क़ साफ़ है… इसीलिए बाइस के चुनाव में भाजपा पूरी तरह होने वाली साफ़ है।#सपा_का_काम_जनता_के_नाम pic.twitter.com/LZWJdBqULV
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 11, 2021
यादव ने कहा, “सपा के समय तीन चौथाई बन चुकी सरयू राष्ट्रीय परियोजना के शेष बचे काम को पूर्ण करने में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने पाँच साल लगा दिए। 2022 में फिर सपा का नया युग आएगा… विकास की नहरों से प्रदेश लहलहाएगा।” अखिलेश यादव ने बाद में एक अन्य ट्वीट करके भाजपा सरकार को ‘कैंचीजीवी’ करार दिया और कहा,
“दुनिया में मूलतः दो तरह के लोग होते हैं। कुछ वो जो सच में काम करते हैं और कुछ वो जो दूसरों का काम अपने नाम करते हैं…सपा की काम करनेवाली सरकार में और आज की ‘कैंचीजीवी’ सरकार में ये फ़र्क़ साफ़ है…

इसीलिए बाइस (2022) के चुनाव में भाजपा पूरी तरह होने वाली साफ़ है।” सरयू नहर परियोजना का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने एक रैली में किसी का नाम लिए बगैर कहा कि वह इस बात का इंतजार कर रहे थे कि ‘कोई’ इस परियोजना का श्रेय ले।
उन्होंने अखिलेश पर परोक्ष रूप से तंज करते हुए कहा, “जब मैं दिल्ली से चला था तो यह इंतजार कर रहा था कि कोई यह कहे कि वह इस परियोजना का फीता काट चुका है और यह योजना शुरू हो चुकी है। कुछ लोगों की यह आदत पड़ चुकी है। हो सकता है कि उन्होंने अपने बचपन में इसका फीता काटा हो।
” मोदी ने कहा, “कुछ लोगों के लिए फीता काटना ही प्राथमिकता होती है जबकि परियोजनाओं को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। मैं हैरान हूं कि इस देश में सिंचाई से संबंधित 99 परियोजनाएं दशकों तक अधूरी पड़ी रहीं।” सरयू नहर परियोजना से 14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे करीब 29 लाख किसानों को फायदा होगा।