लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाल ही में अलीगढ़ में हुए शराब कांड में दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित एक्शन लेने पर योगी सरकार की तारीफ की है।
कोर्ट ने पाया था कि इस घटना में कई मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिसके बाद 222 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई और कई मामलों में आरोप पत्र भी अदालत दायर कर दिया गया है।
दूसरी ओर कोर्ट ने सरकार को सुझाव देते हुए आगे कहा कि यदि राज्य में अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश अभी तक नहीं बनाए गए हैं तो उन्हें बनाकर जारी किया जाए।
यह आदेश चीफ जस्टिस मुनीश्वर नाथ भंडारी और जस्टिस मनीष कुमार की पीठ ने स्थानीय अधिवक्ता सतेंद्र कुमार सिंह की ओर से दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह सच है कि अवैध शराब से मौतों की घटनाएं पूर्व में बाराबंकी व अन्य जनपदों में सामने आ चुकी हैं। सरकार को ऐसे घटनाओं को मानीटर करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।
याचिका में बाराबंकी, अलीगढ़, प्रयागराज इत्यादि जनपदों में हुई अवैध शराब से मौतों के मामलों में पुलिस व आबकारी विभाग के लोगों की मिलीभगत की जांच उच्च एजेंसियों से कराने की मांग की गई थी। याचिका में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आदेश देने की भी मांग की गई थी।