लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के मुख्य अभियुक्त ने जेल से पुलिस अधीक्षक के नाम एक पत्र लिखकर कहा है कि वहलखनऊ. उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के मुख्य अभियुक्त ने जेल से पुलिस अधीक्षक के नाम एक पत्र लिखकर कहा है कि वह घटना के दिन पीड़िता के साथ मौजूद था. अभियुक्त का कहना है कि उसकी और पीड़िता से बातचीत भी होती थी. अभियुक्त ने पत्र में आरोप लगाया है कि पीड़िता को उसके साथ देखकर उसके माँ और भाई ने ही उस पर हमला किया था. हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बीबीसी से बताया, ”इस पत्र की एक कॉपी वॉट्सऐप पर मिली है, लेकिन अधिकारिक तौर पर ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हम जेल से मिलने वाले उसी पत्र को अधिकारिक मानते हैं, जिस पर जेलर का कवर लेटर लगा हो और जिसे रजिस्टर करके भेजा गया है.” हालाँकि उनका ये भी कहना था कि उन्हें जानकारी मिली है कि जेल से कोई आ रहा है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ये पत्र जेल से पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा जा रहा हो. पुलिस अधीक्षक का कहना था कि जेल में बंद क़ैदी अपनी बात बाहर लाने के लिए इस तरह के पत्र पहले भी लिखते रहे हैं उन्होंने कहा, ”कई माफ़िया भी पेशी के दौरान जज के सामने अपने साथ हो रहे बर्ताव के बारे में बताते हैं.
कई बार क़ैदी पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने की कोशिश करते हैं.” जेल से लिखे गए इस कथित पत्र को हाथ से लिखा गया है और इस पर मुख्य अभियुक्त के अलावा बाक़ियों के भी हस्ताक्षर हैं. क्या कहता है मृतक युवती का परिवार? वहीं पीड़िता के परिवार ने अभियुक्त के साथ किसी भी तरह के संबंधों को ख़ारिज किया है. उन्होंने इस पत्र को भी एक साज़िश करार दिया है. इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में अभियुक्त और पीड़िता के बीच हुए कथित फ़ोन कॉल की जानकारी सार्वजनिक की गई थी. दावा किया गया है कि अभियुक्त ने पीड़िता के भाई के फ़ोन पर छह महीने में कई बार कॉल किए और इस दौरान पाँच घंटे से अधिक बात की. पीड़िता के परिजनों ने बीबीसी से कहा कि उनकी और अभियुक्त की कभी फ़ोन पर बात नहीं हुई है. उन्होंने कहा है कि अगर पुलिस के पास कॉल की रिकार्डिंग है, तो सार्वजनिक करे.
वहीं, इन फोन कॉल के बारे में हाथरस के एसपी ने बीबीसी से कहा, ”मुझे इस बारे में मीडिया रिपोर्टों से ही पता चला है. मेरी जानकारी में ये नहीं है. इसके बारे में अधिक जानकारी एसआईटी की टीम ही दे सकती है.” जब उनसे पूछा गया कि क्या ये कॉल डिटेल जाँच का हिस्सा हैं, तो उनका कहना था, ”इसका जवाब एसआईटी ही दे सकती है.” हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के बारे में अब नए-नए तरह के दावे किए जा रहे हैं. अभियुक्तों के परिजनों का कहना है कि वो निर्दोष हैं और उन्हें फँसाया गया है. वहीं, पीड़िता के परिवार कहना है कि उसे किसी भी क़ीमत पर इंसाफ चाहिए. आनन-फानन में पीड़िता का शव जला दिए जाने के बाद कई तरह के सवाल इस घटना पर उठे हैं. फिलहाल एसआईटी जाँच कर रही है जिसे बुधवार को जाँच रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन अब उसे 10 और दिनों का अतिरिक्त समय जाँच के लिए दे दिया गया है. उत्तर सरकार ने मामले की सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश भी कर दी है. हालाँकि सीबीआई ने जाँच अभी शुरू नहीं की है. घटना के दिन पीड़िता के साथ मौजूद था. अभियुक्त का कहना है कि उसकी और पीड़िता से बातचीत भी होती थी.
अभियुक्त ने पत्र में आरोप लगाया है कि पीड़िता को उसके साथ देखकर उसके माँ और भाई ने ही उस पर हमला किया था. हाथरस के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बीबीसी से बताया, ”इस पत्र की एक कॉपी वॉट्सऐप पर मिली है, लेकिन अधिकारिक तौर पर ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है. हम जेल से मिलने वाले उसी पत्र को अधिकारिक मानते हैं, जिस पर जेलर का कवर लेटर लगा हो और जिसे रजिस्टर करके भेजा गया है.” हालाँकि उनका ये भी कहना था कि उन्हें जानकारी मिली है कि जेल से कोई आ रहा है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ये पत्र जेल से पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा जा रहा हो.
पुलिस अधीक्षक का कहना था कि जेल में बंद क़ैदी अपनी बात बाहर लाने के लिए इस तरह के पत्र पहले भी लिखते रहे हैं उन्होंने कहा, ”कई माफ़िया भी पेशी के दौरान जज के सामने अपने साथ हो रहे बर्ताव के बारे में बताते हैं. कई बार क़ैदी पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने की कोशिश करते हैं.” जेल से लिखे गए इस कथित पत्र को हाथ से लिखा गया है और इस पर मुख्य अभियुक्त के अलावा बाक़ियों के भी हस्ताक्षर हैं. क्या कहता है मृतक युवती का परिवार? वहीं पीड़िता के परिवार ने अभियुक्त के साथ किसी भी तरह के संबंधों को ख़ारिज किया है.

उन्होंने इस पत्र को भी एक साज़िश करार दिया है. इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में अभियुक्त और पीड़िता के बीच हुए कथित फ़ोन कॉल की जानकारी सार्वजनिक की गई थी. दावा किया गया है कि अभियुक्त ने पीड़िता के भाई के फ़ोन पर छह महीने में कई बार कॉल किए और इस दौरान पाँच घंटे से अधिक बात की. पीड़िता के परिजनों ने बीबीसी से कहा कि उनकी और अभियुक्त की कभी फ़ोन पर बात नहीं हुई है.
उन्होंने कहा है कि अगर पुलिस के पास कॉल की रिकार्डिंग है, तो सार्वजनिक करे. वहीं, इन फोन कॉल के बारे में हाथरस के एसपी ने बीबीसी से कहा, ”मुझे इस बारे में मीडिया रिपोर्टों से ही पता चला है. मेरी जानकारी में ये नहीं है. इसके बारे में अधिक जानकारी एसआईटी की टीम ही दे सकती है.” जब उनसे पूछा गया कि क्या ये कॉल डिटेल जाँच का हिस्सा हैं, तो उनका कहना था, ”इसका जवाब एसआईटी ही दे सकती है.” हाथरस में हुए कथित गैंगरेप के बारे में अब नए-नए तरह के दावे किए जा रहे हैं. अभियुक्तों के परिजनों का कहना है कि वो निर्दोष हैं और उन्हें फँसाया गया है. वहीं, पीड़िता के परिवार कहना है कि उसे किसी भी क़ीमत पर इंसाफ चाहिए. आनन-फानन में पीड़िता का शव जला दिए जाने के बाद कई तरह के सवाल इस घटना पर उठे हैं. फिलहाल एसआईटी जाँच कर रही है जिसे बुधवार को जाँच रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन अब उसे 10 और दिनों का अतिरिक्त समय जाँच के लिए दे दिया गया है. उत्तर सरकार ने मामले की सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश भी कर दी है. हालाँकि सीबीआई ने जाँच अभी शुरू नहीं की है.