उड़ी में एलओसी पर घुसपैठ नाकाम: तीन आतंकियों का सफाया, पांच एके-47 और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद

श्रीनगर : उड़ी जैसा हमला दोहराने की एक और साजिश को सेना ने नाकाम बना दिया है। भारी असले के साथ घुसे पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों को सुरक्षाबलों ने गुरुवार को उड़ी में नियंत्रण रेखा के पास ढेर कर दिया। मारे गए आतंकियों से पांच असाल्ट राइफल, आठ पिस्तौल, 70 ग्रेनेड और अन्य साजो सामान भी बरामद किया गया है। हथियारों के जखीरे को देखकर कहा जा सकता है कि यह आतंकी बड़े हमले को अंजाम देने के लिए घुसे थे। मुठभेड़ में एक जवान भी जख्मी हुआ है। बता दें कि बीते पांच दिन में उड़ी सेक्टर में यह दूसरी घुसपैठ है।

इससे पूर्व रविवार को भी उड़ी सेक्टर में अंगूरी पोस्ट के इलाके में आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास किया था। सैन्य अधिकारियों के अनुसार, गुरुवार सुबह छह बजे रामपुर सब सेक्टर के अंतर्गत हथलंगा में एलओसी के अग्रिम छोर पर गश्त कर रहे सैन्यकर्मियों ने पांच आतंकियों को भारतीय इलाके में घुसपैठ करते देखा।

जवानों ने उसी समय आस-पास की चौकियों को सचेत करते हुए उनकी घेराबंदी शुरू दी। आतंकियों के करीब आते ही जवानों ने उन्हें ललकारा और आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। इस पर घुसपैठियों ने फायरिंग शुरू कर दी। चार घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। वहीं, उनके दो साथी बचकर निकलने में कामयाब रहे।

सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने बताया कि घुसपैठ में पांच आतंकी शामिल थे। तीन आगे चल रहे थे और वह मार गिराए गए। दो पीछे थे, वह शायद वापस भाग गए हैं। फिलहाल, एहतियात के तौर पर पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया है। इस दौरान कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार भी पत्रकार वार्ता में उपस्थित थे।

रविवार को भी एलओसी पर रोक लिए गए थे आतंकी : रविवार को हुई घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को एलओसी पर ही रोक लिया गया था। मुठभेड़ के दौरान वह वापस भागने में कामयाब रहे। इसके बावजूद हमने पूरे उड़ी सेक्टर में घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान को जारी रखा हुआ है।

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यह हथियार व सामान बरामद : – पांच असाल्ट राइफल – आठ पिस्तौल – 45 हैंड ग्रेनेड – दो यूबीजीएल (अंडर बैरेल ग्रेनेड लांचर) – 24 यूबीजीएल ग्रेनेड – पाकिस्तान में निर्मित दवाएं – भारतीय मुद्रा में 75 हजार रुपये नकद – पाकिस्तानी मुद्रा में 10 हजार रुपये – कुछ पहचानपत्र – सिगरेट – एटीएम कार्ड और अन्य दस्तावेजकोट

एक बार फिर साबित हो गया है कि पाकिस्तान जंगबंदी की आड़ में आतंकियों को आज भी कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए पूरा समर्थन दे रहा है। मारे गए तीनों आतंकी पाकिस्तानी हैं। फिलहाल, उनकी पहचान की पुष्टि की जा रही है। – लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय, कोर कमांडर 

उड़ी जैसा ही हमला करने की थी साजिश : सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, आतंकी उड़ी जैसा ही हमला करना चाहते थे। 18 सितंबर 2016 को हुए हमले में आतंकी उसी दिन नियंत्रण रेखा पार कर आए थे और भारतीय सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला बोला था। भारतीय सेना ने गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर दस दिन में उड़ी का बदला ले लिया था।

उड़ी की बरसी पर ही यह हमला करने की तैयारी थी। ऐसे में पहली कोशिश 19 सितंबर को हुई पर सेना के कड़े प्रतिरोध के बाद आतंकी वापस भाग गए। दूसरी घुसपैठ गुरुवार को हुई और यहां भी सुरक्षा बलों ने उनके मंसूबों को नाकाम बनाते हुए तीन आतंकियों को ढेर कर दिया।

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