Washington News : वाशिंगटन । अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने तय किया है कि लंबे समय से साइबर हमले कर रहे चीन को अब पूरी तरह से बेनकाब किया जाएगा। इन साइबर हमलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए ड्रैगन को कड़ा जवाब देने की भी तैयारी की जा रही है।
इस संबंध में अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि साइबर हमले राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा और आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति तक पहुंच गए हैं।
ऐसे में अब चीन जैसे देशों को कड़ा जवाब देना जरूरी हो गया है। साइबर हमलों का मुकाबला करने और कड़ा जवाब देने के लिए अमेरिका ने यूरोपियन यूनियन, नाटो के साथ ही आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान के साथ संयुक्त रणनीति बनाई है। ये सभी देश साइबर हमला करने पर चीन के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलेंगे।
यह पहला मौका है कि जब नाटो देशों ने भी साइबर हमलों की निंदा की है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि चीन के साइबर अपराधियों को बेनकाब किया जाएगा। ये बताया जाएगा कि वे किस तरह से वैश्विक स्तर पर हमले कर ब्लैकमेलिंग करते हुए क्रिप्टोकरेंसी में फिरौती मांगते हैं।
हमारी सुरक्षा एजेंसी बताएंगी कि चीन में बैठे साइबर अपराधी किस तरह से अपराध को अंजाम देते हैं और उन खतरों का कैसे सामना किया जाए। हम इन अपराधों खिलाफ अभियान चलाकर पहले से ही रोक देने के लिए काम करेंगे। इसके लिए माइक्रोसाफ्ट जैसी कंपनियों के उत्पादों की रैंसमवेयर हमलों को लेकर जो कमजोरियां हैं, उन्हें दूर कराया जाएगा।