Datia news : दतिया । बसई क्षेत्र के ग्राम बरधुवां में मंगलवार रात अचानक उठे धुएं और धमाके की तेज आवाज से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। यह धमाका माता मंदिर के पास हुआ।
जहां जंगल में सेना द्वारा फायरिंग अभ्यास के दौरान उपयोग किए जाने वाले ट्रेसर गोले पड़े रहते हैं। अचानक गोला फटने से धुएं के गुबार के साथ जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते आसपास भीड़ जुट गई।
सूचना मिलते ही बसई थाना प्रभारी सच्चिदानंद शर्मा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान मौके से कुछ और जिंदा ट्रेसर गोले भी बरामद हुए।
थाना प्रभारी ने बताया कि मामला गंभीर है, हालांकि गनीमत यह रही कि घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आर्मी फायरिंग रेंज में दागे गए कई ट्रेसर गोले फुस्स होकर रह जाते हैं। इन्हें अक्सर मजदूर वर्ग जंगल से उठा लाते हैं और उनमें से कीमती धातु निकालने के लिए गर्म करते हैं।
कई बार यही लापरवाही बड़े धमाकों का कारण बन जाती है। पुलिस ने इस प्रवृत्ति को खतरनाक बताते हुए चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति ऐसे गोले जंगल से उठाकर न लाए और न ही छेड़छाड़ करे।
फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही लोगों को समझाइश दी गई है कि वे ऐसे किसी भी संदिग्ध गोले या वस्तु की सूचना थाने को दें।
पहले भी गूंज चुके हैं धमाके : बसई क्षेत्र में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। इससे पहले भी कई बार सेना के अभ्यास में उपयोग हुए गोले जंगल में पड़े रह गए और बाद में धमाकों का कारण बने।
पिछले वर्षों में मजदूर वर्ग द्वारा इन्हें बीनकर ले जाने और धातु निकालने के प्रयास में हादसे भी हो चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर धमाके के बाद कुछ समय के लिए सख्ती होती है, लेकिन बाद में हालात फिर ढीले पड़ जाते हैं।
यही वजह है कि ऐसे खतरनाक हादसे कुछ माह के अंतराल के बाद घटित हो जाते हैं। कुछ माह पूर्व ही एक किशोर की गोले से कीमती धातु निकालने के चक्कर में जान भी जा चुकी है।


