Bhopal News : भोपाल । सेवा ऐसी गंगा है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति डुबकी लगाए तो उसका जीवन सार्थक हो सकता है। आज आनंदपुर धाम आकर मन अभिभूत है, जिस भूमि का कण-कण संतों की तपस्या से सींचा गया है, जहां सेवा के संकल्प मानवता का पथ प्रशस्त करते हों, वो धरती साधारण नहीं है। यहां मंदिर में दर्शन किए और सेवा कार्यों की जानकारी ली तो हृदय आनंदित हो गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी शुक्रवार को अशोकनगर के आनंदपुर धाम में वार्षिक वैशाखी मेले और संस्था के गुरू महाराज के अवतरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में श्री आनंदपुर ट्रस्ट के प्रयास सराहनीय और अनुकरणीय है। केन्द्र सरकार भी सेवा की भावना को केन्द्र में रखकर निर्धन वर्ग के लिए निशुल्क अनाज, पेयजल, आवास और स्वास्थ्य से जुड़ी जनकल्याण की योजनाओं का संचालन कर रही है। देश में नए-नए एम्स, आईआईटी, आईआईएम संस्थान प्रारंभ किए जा रहे हैं। हमारा पर्यावरण संरक्षित हो, इसके लिए एक पेड़ मां के नाम अभियान जारी है। गरीब और वंचित व्यक्तियों के उत्थान के लिए सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास का मंत्र सरकार की नीति और निष्ठा है। सेवा की भावना हमारे व्यक्तित्व को निखारती है और व्यक्ति को बड़े उद्देश्यों से जोड़ती है।

कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ सांसद वीडी शर्मा, सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सहित बड़ी संख्या में आनंदपुर धाम के अनुयायी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने आश्रम के गुरू महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। प्रधानमंत्री ने आनंदपुर धाम मंदिर परिसर का भ्रमण किया और गुरुजी महाराज मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री ने आनंद सरोवर की आरती उतारी और पुष्प अर्पित किए। आनंदपुर में हर वर्ष तीन दिवसीय वैशाखी मेला लगता है। इस वर्ष भारत के विभिन्न राज्यों से लगभग 20 हजार लोग आनंदपुर पहुंचे हैं।
आनंदपुर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता : प्रधानमंत्री ने कहा कि अशोकनगर के आनंदपुर क्षेत्र का विकास हमारा दायित्व है। इस क्षेत्र में कला, संस्कृति अर्थात् विरासत से विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में चंदेरी साड़ी को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। प्राणपुर में हैंण्डलूम विलेज प्रारंभ किया गया है। मध्यप्रदेश में विरासत के संरक्षण के साथ विकास के प्रयास हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिंहस्थ 2028 की तैयारियां भी प्रारंभ करवा चुके हैं। प्रदेश की सरकार और नागरिक विकास में जुट गए हैं।
आनंदपुर की धरती पर शोक भी आने से डरता है : प्रधानमंत्री ने कहा कि इस धरती पर परमार्थ और सेवा के संकल्प जारी हैं, ये धरती सामान्य नहीं है। अशोकनगर की धरती पर शोक भी आने से डरता है। गुरु महाराज जी के अवतरण दिवस पर यहां आने का सुअवसर मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी अद्वैत जी महाराज एवं संस्थान की सभी पादशाही महाराज को प्रणाम करते हुए द्वितीय और तृतीय पादशाही के समाधि दिवस पर उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने मां विजयासन और अशोकनगर जिले के श्रद्धास्थल करीला धाम की मां जानकी देवी को भी प्रणाम किया।

श्री आनंदपुर ट्रस्ट के सेवा प्रकल्प सराहनीय : प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु महाराज ने आनंद धाम के नियम और कर्तव्यों के बारे में आज विस्तार से बताया है। सेवाभाव यहां का प्रमुख कार्य है। ट्रस्ट की ओर से मनोयोगपूर्वक संचालित सेवा कार्यों में अस्पताल, गौ-शाला, नई पीढ़ी के निर्माण के लिए अच्छी शिक्षा देने वाले स्कूल और पर्यावरण संरक्षण के प्रकल्प शामिल हैं। आश्रम के अनुयायियों ने हजारों एकड़ बंजर जमीन को हरा-भरा बनाया है। सेवा की यही भावना हमारी सरकार के केंद्र में है। यह हमें व्यक्तिगत चिंता से हटाकर समाज और राष्ट्र से जोड़ती है।
राम वन गमन पथ का विकास होकर रहेगा: प्रधानमंत्री ने कहा कि कठिनाइयों से लड़ना और जीतना हम सेवा से सीखते हैं। सेवा एक साधना है। देश में राम वन गमन पथ का विकास किया जा रहा है। राम वन गमन पथ का बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश से गुजरता है। मध्यप्रदेश पहले से अजब और गजब है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य रखा गया है। हमें अपनी संस्कृति को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ना है। संस्कृति ही हमें सामर्थ्य देती है। भारत जैसे देश को उम्मीद है कि आनंदपुर धाम इस कार्य में हमारे प्रयासों को ऊर्जा देते हुए आगे बढ़ाएगा।
समारोह को संबोधित करते हुए संस्थान के वर्तमान पीठाधीश्वर हुजूर सतगुरु महाराज ने कहा कि कबीर साहिब कहते हैं कि ईश्वर का नाम ही सत्य है, बाकी सभी सांसारिक चीजें झूठी हैं। उसी प्रकार महापुरुषों का नाम भी सत्य है। दुनिया में जो आए हैं, वो सभी यहां से जाएंगे। अपने सांसारिक जिम्मेदारियों के साथ ईश्वर का स्मरण करना नहीं भूलना चाहिए। प्रारंभ में श्री शब्द परमानंद जी ने स्वागत उदबोधन में कहा कि स्वामी गुरू महाराज जी की छत्रछाया में यह सत्संग हो रहा है। भगवान जिसे अपना सेवक चुन लेते हैं, उसे आनंदपुर धाम जैसा सत्संग प्रदान करते हैं।
आनंदधाम से सीखा, गरीबों की सेवा ही ईश्वर सेवा -मुख्यमंत्री : मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने कहा कि गरीबों की सेवा करो और उनकी आत्मा में रच-बस जाओ, यही परमार्थ है, यही सच्ची मानव सेवा है। गुरुजी महाराज की सेवा भावना से हमें भी प्रेरणा मिलती है। शांति का जो पाठ उन्होंने समाज को दिया है वह अनुकरणीय है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुरु जी महाराज ने इस आनंदधाम को सेवा का केंद्र बनाया है। हमारी सरकार भी ऐसा ही सेवा केंद्र बनाएगी। हम गौमाता की भी सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि आनंदधाम अपने नाम को धन्य और सार्थक कर रहा है। आनंद धाम से हमने सीखा है कि गरीबों की सेवा कर ईश्वर के करीब कैसे आया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रेम और अपनत्व के इस सुख सागर में बार-बार डुबकी लगाने वे यहां जरुर आएंगे।