नई दिल्ली : दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को कहा कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इसमें शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस प्रमुख ने इन दावों का भी खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी की एक स्थानीय मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का प्रयास किया गया था। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने लोगों से इन पर ध्यान न देने की अपील की।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि शनिवार को हुईं हिंसक झड़पों की जांच अपराध शाखा को सौंप दी गई है और इसे सिलसिले में 14 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि चार फोरेंसिक टीमों ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किये हैं। अस्थाना कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल जानकारी के विश्लेषण के माध्यम से सभी कोणों से मामले की जांच की जाएगी।
सोमवार को एक दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अंसार और असलम को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों की पुलिस रिमांड को दो और दिन बढ़ा दिया है. न्यायिक हिरासत में भेजे गए चार लड़कों की तरफ से पेश हुए वकील राकेश कौशिक और राजेश कौशिक के मुताबिक अंसार और असलम की पुलिस रिमांड दो दिन बढ़ा दी गई है. वकील के मुताबिक शोभा यात्रा निकालने वाले लड़के निर्दोष हैं और उन्हें कॉमन FIR में नाम दे दिया गया है.
वहीं सोमवार को दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में अब तक दोनों समुदायों के 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इसमें शामिल लोगों को वर्ग, पंथ या धर्म के आधार पर बख्शा नहीं जाएगा.
पुलिस प्रमुख ने इन दावों का भी खंडन किया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी की एक स्थानीय मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का प्रयास किया गया था. उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कुछ लोग स्थिति को तनावपूर्ण बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने लोगों से इन पर ध्यान न देने की अपील की.