दतिया । सहरिया अदिवासी अनूसूचित जनजाति वर्ग के लोग आज भी सरकार द्वारा प्रदाय की जाने वाली मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस संदर्भ में सहारिया समाज के लोगों ने मंगलवार को डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख है कि जिले के अधिकारी सहरिया अदिवासी अनूसूचित जनजाति वर्ग के लोग सुविधा नहीं दे पा रहे हैं, ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
ज्ञापन में उल्लेख है कि भांडेर विकासखंड में 60 प्रतिशत सहरिया आदिवासी हैं, जिन्हें मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं हो सकी है और प्रशासन के दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है। हालात यह है कि भांडेर कस्बे में 60 प्रतिशत अदिवासी लोग को आवास योजना, शौचालय योजना, गरीबी रेखा के राशन कार्ड, मनरेगा मजदूरी, वृद्धा पेंशन, श्रम कार्ड जैसी सरकारी योजनाओं से वंचित है। जिनकी न तो सचिव, सरपंच सुनता है और ना ही प्रशासन में बैठे जिम्मेदार अधिकारी सुनवाई करते हैं।
इससे नाराज आदिवासियों ने मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई ज्ञापन देकर भांडेर जनपद सीईओ आफिसर सिंह गुर्जर और तहसीलदार को बर्खास्त करने की मांग कर डाली। आदिवासियों ने ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर दीपशिखा को सौंपा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री आवास, शौचालय और पेंशन दिलाने की मांग की। आदिवसियों ने जनपद और तहसीलदार पर शासकीय योजनाओं में कोताही बरतने का आरोप लगाया। आदिवासियों का कहना था कि पूरे ब्लाक में रसूखदारों को रिश्वत लेकर योजनाओं का फायदा दिया जा रहा है और उनके पीएम आवास, शौचालय एवं बीपीएल कार्ड बनाए जा रहे है, दूसरी ओर गरीब आदिवासियो को इन सबसे वंचित रखा जा रहा है। एक ओर प्रदेश और केंद्र सरकार स्वर्णिम विकास के लाख दावे कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर आदिवासियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पाने से इन दावों की पोल खोल रहा है।
आज भी आदिवासी परिवार आवास, शौचालय और पेंशन के लिए दर दर भटक रहे हैं। कलेक्टर को आवासहीन आदिवासियों के हित में कदम उठाना चाहिए। इस दौरान समाजसेवी बाली कुशवाह सहित एक सैकड़ा से अधिक सहरिया अदिवासी लोग ज्ञापन देने के समय मौजूद रहे।