मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोटव ठाकरे ने राज्य की जनता को डिजिटल माध्यम से संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायसर और आने वाले त्यौहरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना का दूसरा वेव न आया, इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही मंदिरों को खोला जाएगा और इसको लेकर एसओपी जारी की जाएगी।
सीएम ठाकरे ने कहा कि होली से हमने शुरुआत की, अब देखते-देखते दिवाली आ गई। दिवाली के प्रकाश की तरह हमारे जीवन में भी अच्छी चीजें हों, आप सभी को दिवाली की ढेर सारी शुभकामनाएं। होली से ही हमने सभी त्यौहारों को सावधानी के साथ मनाया। पिछले 9 महीनों में आपने बहुत सहकार्य किया। इसलिए मैं और आप अब थोड़े से तनाव मुक्त हैं।
कोरोना पर सावधानी जरूरी है
मुख्यमंत्री ने कहा, “कोविड का दूसरा वेव ना आया, उसके लिए तैयारी की जा रही हैं। हमें संभल कर रहने की जरूरत है। दिवाली से पहले हमने लगभग सभी कुछ शुरू कर दिया है। अब भीड़ दिखने लगी है, अच्छी बात है। लेकिन अब भी सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना के मामले मुम्बई, पुणे में पहले लगातार बढ़ रहे थे पर अब मामले कम हो रहे हैं। लेकिन जब मुंबई और महाराष्ट्र में मामले कम हो रहे हैं, ठीक उसी समय दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे जो जानकारी मिली है उसके अनुसार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है जिसकी वजह से एक बार फिर से परिणाम बढ़ रहा है। ”
पटाखों पर रोक नहीं है लेकिन …
कोटव ठाकरे ने कहा कि हर जगह पटाखों पर बैन लगाया जा रहा है, लेकिन क्या बैन लाना ही ज़रूरी है? क्या जनता खुद इसे रख सकती है? क्या प्रदुषण से अगर मामले बढ़ेंगे तो क्या ऐसा होने देना चाहते हैं? इसलिए हमें प्रदूषण करने वाले पटाखों का इस्तेमाल टालना चाहिए। उन्होंने कहा, “मैं बैन कर सकता हूं लेकिन मुझे विश्वास है कि इसकी जरूरत नहीं है। सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे न जलाएँ। दीया ज़रूर लगाइए। पटाखे का इस्तेमाल नहीं करें तो बेहतर होगा। मैं कोई इमरजेंसी (हंसते हुए) नहीं ला रहा। “
दिवाली और उसके बाद दिन 15 दिन बहुत महत्वाकांक्षी
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंग्लैंड, लंदन, स्पेन और नीदरलैंड में सख्ती से कई नियम लाए गए हैं। ठंड में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका है। दूसरे वेव की जगह मैं इसे सुनामी कहेगा। इससे बचने की जरूरत है। 8-9 महीने से पुलिस, डॉक्टर्स और कई अन्य लोग लगातार लड़ रहे हैं। बहुत मेहनत करने के बाद फिर से हमें पीछे क्यों जाना है? हाल ही में मुझे एक ने व्हाट्सएप किया था जिसमें कहा गया था कि एक सैनिक अपने वजन से ज्यादा सामान हमारे लिए उठाता है, उसमें वो सैनिक पूछता है कि क्या आप हमारे लिए अपना काम नहीं कर सकते?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 100 साल पहले भी स्पेनिश फ्लू का असर हुआ था। तब भी लगभग 1 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। इसलिए हमें संभालने की जरूरत है। मैं तुम्हें डरा नहीं रहा हूं। हमने जंबो हॉस्पिटल, कोविड केअर सेंटर बनाए हैं और उसे बढ़ाए हैं। अच्छी बात यह है कि कई जगह बिस्तर खाली हैं। उम्मीद करता हूँ मैं ही खाली हूँ, मैं किसी भी चीज़ को बंद नहीं कर रहा हूँ। एक मरीज़ के लिए डॉ, आरोग्य के दुसरे चीजों की ज़रूरत पड़ती है। हमने आज तक सब कुछ किया है, आगे भी सम्भकिंग की जरूरत है।
सरकार की मुहिम का फायदा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘मेरा परिवार, माझे ज़िंदा सूची’ का बहुत फायदा हुआ। घर घर जाकर लोगों से बात की गई। लगभग 60 हज़ार वालंटियर ने सर्वेक्षण किया और ज़रूरतमंदों की मदद की। इसमें केवल यह पता चला है कि 51 हज़ार लोगों को विभाजित किया गया है। यह सब घर घर जाकर सर्वेक्षण करने के कारण से हुआ है। इसी में पता चला 8 लाख लोगों को राज्य में डायबिटीज है और साथ ही दूसरी जानकारी मिली है। मुंबई में और दूसरे स्थान पर भी कपड़े नहीं पहने वालो की संख्या बढ़ी है, उनपर कार्रवाई की जा रही है, करना ही होगा। अगर कोई बिना पूछे भीड़ में चला जाता है तो सैंकड़ों लोगों को धमकाना पड़ सकता है। समाज के लिए हमें इसका ख्याल रखना ही होगा। स्पर्श पाते हैं, अंतर रखते हैं और हाथ धोते रहते हैं।
जल्द खुलेंगे स्कूल और मंदिर
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवाली के बाद हम कक्षा 9 से 12 की कक्षा शुरू करेंगे, उसके लिए इंतेज़ाम कर रहे हैं। शिक्षकों का कोरोना टेस्ट होगा, सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को किया जाएगा। मंदिरों को जल्दी खोला जाएगा लेकिन भीड़ ना करें। हमारे माता पिता, ज्येष्ठ नागरिक मंदिरों में जाते हैं। मंदिर, मस्जिद, चर्च सभी जगह भीड़ होगी तो उसका हमें परिणाम भुगतना पड़ सकता है। मंदिर के बाहर आप चप्पल निकालिए लेकिन चेहरे पहनने रहिए। जल्द ही इसका एसओपी जारी किया जाएगा। मंदिर नहीं खुलने के लिए कुछ लोग इसके लिए मेरा विरोध कर रहे हैं। लेकिन कोरोना से बचाव के लिए मैं सब सुनने को तैयार हूं क्योंकि अगर मामले बढ़ेंगे तो यह विरोध करने वाले मदद करने नहीं आएंगे। वाक्य विन्यास, नाट्यगृह, जिम, रेस्टोरेंट, ग्रंथालय और लोकल ट्रेन में महिलाओं को अनुमति दी गई है। जैसे ही सभी लोगों के लिए केंद्र से अनुमति मिलेगी, हम शुरुआत करेंगे। पीयूष गोयल अच्छा सहयोग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में हो रहा है विकाश और निवेश
उद्धव ठाकरे ने कहा कि दो दिन पहले मेट्रो के लिए हमने जर्मनी के एक कंपनी से कम ब्याज दर मविन कर्ज़ के बारे में काम शुरू किया जा रहा है। जर्मनी के लोगों ने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र और मुम्बई से बेहद करीब हैं और वह अपना घर मानते हैं। कोरोना से लड़ते समय जब कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की बदनामी कर रहे थे, यहाँ गांजा होने की बात कर रहे थे। मैंने यह बात दशहरा में भी की थी। अब यहाँ 17 हज़ार करोड़ का समझौता किया गया, यह मुझे अभिमान है। कई लोगों को जगह भी दी गई है, और बहुत जल्द यहां काम शुरू होगा। देश-विदेश से कंपनी महाराष्ट्र में आ रहे हैं। लॉकडाउन में हम केवल घर में नहीं बैठ रहे थे, यह काम कर रहे थे। मेट्रो पर कहते हैं (केंद्र सरकार) हैं कि यह ज़मीन साल्ट पैन की है। उन्हें जवाब देंगे, लेकिन उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि यह मुंबईकरों के विकास को रोक रहे हैं। लेकिन यह नहीं होगा, किसी को को रोकने नहीं दिया जाएगा।
किसानों को जल्द राहत मिलेगी
अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने कपास की प्राप्ति शुरू की है। दूसरी चीजों की भी जल्द खरीदारी होगी। जहां आवश्यकता होगी, उसकी खरीदारी की जाएगी। मानसून खत्म हो गया है लेकिन उसके बाद कई स्थानों पर तूफान का असर कोंकण और अन्य स्थानों पर पड़ा है। मुम्बई, पूर्व विदर्भ पर इसका असर हुआ। कई जगह पर खेती के मिट्टी को भी पानी बहाकर ले चला गया। यह सब मैंने भी देखा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जून से अक्टूबर के बीच महाराष्ट्र के 41 लाख हेक्टर ज़मीन पर बाढ़ और ज़ोरदार बारिश का असर पड़ा है। इसपर ज़्यादा से ज़्यादा किसी के हताहत नहीं होने की कोशिश कर रहे थे कि क्यों जान की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। अब तक 38 लाख हज़ार करोड़ रुपये जीएसटी के नहीं मिले, लेकिन अब कहा जा रहा है 5-6 लाख करोड़ रुका हुआ दिया जा रहा है। लेकिन हर महीने राशि में वृद्धि हो रही है। 10 हज़ार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान तूफान और बारिश के कारण हुए नुकसान के लिए किया गया है। किसान समझदार है, उसे पता है कि सरकार उसके लिए काम कर रही है या नहीं?
रिटायर्ड सैनिक और साथ ही जिन सैनिकों का निधन हुआ, उनकी पत्नियों के घरों के टैक्स को माफ करने का फैसला शिवसेना प्रमुख के नाम पर जारी एक योजना के तहत किया जा रहा है। मराठा, धनगर और अन्य कई समाज के आरक्षण पर लगातार चर्चा शुरू है। किसी के साथ भी अन्याय नहीं होगा। यह बात मैंने बार बार कही है। मेरा इतना ही कहना है कि दिवाली या दूसरे त्यौहार में किसी को परेशानी ना हो। पोल, पटाखों को टालो, मिठाई, फरल बनाइए। हमने कोरोना मामलों में कमी लाई हैं इसे शून्य पर लाना है। मुखौटा ढूंढें और एक दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखिए।