नई दिल्ली : कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए खोजी गई रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की नई दवा 2-डीजी (डीआक्सी-डी ग्लूकोज) सोमवार को लांच कर दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सांकेतिक रूप से इस दवा की पहली खेप के पैकेट स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन को सौंपते हुए जारी किया। राजनाथ ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यह दवा आशा और उम्मीद की नई किरण है। डीआरडीओ को उम्मीद है कि आक्सीजन की कमी की चुनौती का सामना कर रहे कोरोना मरीजों के लिए 2-डीजी दवा बेहद कारगर साबित होगी। इसे देश के विभिन्न अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने साथ ही रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक कर कोरोना के खिलाफ जंग में डीआरडीओ और तीनों सेनाओं की ओर से जारी पहल की समीक्षा भी की। रक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की गति में कुछ कमी आई है मगर अभी हमें निश्चिंत होकर थमने की जरूरत नहीं है। दूसरी बार कोरोना की लहर आई है और आगे इस बारे में कुछ निश्चित नहीं है, इसलिए पूरी सतर्कता के साथ हमें आगे कदम बढ़ाने होंगे। 2-डीजी के अनुसंधान और विकास के लिए डीआरडीओ की सराहना करते हुए राजनाथ ने कहा कि डा. रेड्डी लेबोरेटरीज के सहयोग से तैयार की गई यह दवा हमारे देश की वैज्ञानिक क्षमता का एक बड़ा उदाहरण है।

कोरोना संकट में कैसे मदद करेगी ये दवाई?
इस दवाई को लेकर DRDO और सरकार द्वारा जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक यह अस्पताल में भर्ती मरीजों की तेजी से रिकवरी करने में मदद करती है और बाहर से ऑक्सीजन देने पर निर्भरता को कम करती है. अधिक मात्रा में कोविड मरीजों के 2-DG के साथ इलाज से उनमें RT-PCR नेगेटिव रिजल्ट देखा गया. ऐसे में दावा है कि यह दवा कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगी. देश में जिस तरह कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो गई थी,उस पर भी ये कारगर साबित हो सकती है. |
आखिर क्या है 2-DG?![]() देश जब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को लड़ रहा था, तब रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हैदराबाद की डॉ. रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर एक दवाई पर काम किया, जिसका नाम 2-डिऑक्सी-डी-ग्लूकोज यानी 2-DG दिया गया है. करीब एक साल की मेहनत के बाद ये दवाई बनी है, जिसे सोमवार को अस्पतालों,आम लोगों के लिए जारी कर दिया गया |
डीआरडीओ के एक समारोह में रक्षा मंत्री ने इसे लांच करने के बाद दवा का एक-एक बाक्स अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया और आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कांत को भी सौंपा। दवा को देश के अन्य अस्पतालों में भी भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस नई दवा को एक महत्वपूर्ण प्रगति करार दिया। हालांकि इसकी बाजार में व्यापक पैमाने पर उपलब्धता को लेकर डीआरडीओ और डा. रेड्डी लेबोरेटरीज ने अभी कोई स्पष्ट रूपरेखा नहीं बताई है।
कोरोना से लड़ाई को लेकर रक्षा मंत्री ने जो समीक्षा बैठक की उसमें चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के अलावा रक्षा सचिव अजय कुमार, रक्षा एवं अनुसंधान विभाग के सचिव व डीआरडीओ के चेयरमैन डा. जी. सतीश रेड्डी समेत कई अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।