6 पुलिसकर्मियों की मौत का मुद्दा गर्माया, विपक्ष ने केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार

नई दिल्ली : असम और मिजोरम की सीमा पर सोमवार को हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मोर्चा संभाला है। गृह मंत्रालय ने दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी की बुधवार को बैठक बुलाई है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने भी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर शांति बनाए रखने की अपील की है। सोमवार शाम मिजोरम पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में असम पुलिस के पांच जवानों की मौत हो गई थी। इसमें असम के एक नागरिक की भी मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा घायल हो गए थे। मंगलवार को दोनों राज्यों की सीमा पर शांति रही।

गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में किसी ऐसे नतीजे पर पहुंचने का प्रयास किया जाएगा, जिससे फिर हिंसा की स्थिति न बने। केंद्र सरकार दोनों सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है और हालात को शांत रखने का प्रयास कर रही है।

Banner Ad

टकराव वाली जगह पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की छह कंपनियों को तैनात किया गया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप ने बताया कि हालात शांतिपूर्ण हैं।

इस बीच, संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि राज्यों के बीच के सीमा विवाद आपसी सहयोग से ही सुलझाए जाते हैं। केंद्र इन मामलों में केवल मध्यस्थ की भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि सीमाओं के निर्धारण के बाद से कई राज्यों में इस संबंध में कुछ विवाद हैं।

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नगालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम के बीच सीमा विवाद हैं।

गृह मंत्री की सतर्कता ने संभाले हालात एएनआइ से बातचीत में सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की तत्परता और सीआरपीएफ के हस्तक्षेप ने मामले को बिगड़ने से बचाया।

उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सीआरपीएफ की दो कंपनियां असम और मिजोरम के बीच टकराव वाले लैलापुर-वैरेंगत क्षेत्र में तटस्थ रूप से दोनों राज्यों के पुलिसबलों के सहयोग के लिए पहले से तैनात थीं। हिंसा भड़कते ही सीआरपीएफ कंपनियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी।

तत्काल मामले पर गृह मंत्रालय से बात हुई और सीआरपीएफ कंपनियों को हालात अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया गया। गृह मंत्री स्वयं पूरे मामले की निगरानी कर रहे थे। 

सुप्रीम कोर्ट जाएंगे सरमा एएनआइ के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने राज्य के फारेस्ट रिजर्व को अतिक्रमण से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र फारेस्ट रिजर्व है। सेटेलाइट की तस्वीरों से देखा जा सकता है कि किस तरह यहां अतिक्रमण हो रहा है। सरमा ने कहा कि यह दो राज्यों के बीच का सीमा विवाद है, कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।

जब दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें थीं, तब भी यह विवाद था। सरमा ने मिजोरम से लगी सीमा पर 3000 जवानों को तैनात करने की बात भी कही है। असम सरकार ने एक विज्ञप्ति जारी कर मिजोरम से शांति स्थापित करने और समझौतों का पालन करने की अपील की है।

असम में तीन दिन का शोक मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों के सम्मान में असम में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री सरमा ने मृतक पुलिसकर्मियों के स्वजनों को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता और सभी घायलों को एक-एक लाख रुपये की मदद देने का भी एलान किया है।

सोमवार की घटना का उल्लेख करते हुए सरमा ने कहा कि फायरिंग के दौरान उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा से बात की थी। मिजोरम के सीएम ने उनसे घटना के लिए माफी मांगते हुए उन्हें वार्ता के लिए बुलाया है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter