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सतीश महाना निर्विरोध उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष चुने गए, सीएम योगी के साथ उन्हें कुर्सी तक ले गए अखिलेश यादव
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक सतीश महाना निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गये। विधानसभा में कार्यवाहक अध्यक्ष रमापति शास्त्री ने मंगलवार को सतीश महाना के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। उन्होंने सदन को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ सतीश महाना का नामांकन पत्र पात्र हुआ और उसके वैध होने पर उनके निर्वाचन की घोषणा करता हूं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 29 मार्च की तिथि तय की थी। 28 मार्च, सोमवार दो बजे तक विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होनी थी और अकेले सतीश महाना ने ही पर्चा भरा था।
नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने अध्यक्ष पद के लिए महाना के नाम का प्रस्ताव रखा था जिसका सुरेश खन्ना ने समर्थन किया था। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी महाना के नाम का प्रस्ताव और सपा के ही अवधेश प्रसाद ने समर्थन किया था।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह तथा कांग्रेस की आराधना मिश्रा के अलावा सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी दलों ने भी महाना के नाम का प्रस्ताव और अपना समर्थन दिया। विधानसभा में मंगलवार को उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा कर दी गई।
महाना कानपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से आठवीं बार निर्वाचित हुए हैं। महाना 1991 में पहली बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और इसके बाद उन्होंने विधानसभा में लगातार अपनी उपस्थिति बनाये रखी।
वह बसपा-भाजपा गठबंधन की मायावती के नेतृत्व की सरकार में नगर विकास राज्य मंत्री के अलावा कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व की सरकारों में भी मंत्री रह चुके हैं। पिछली विधानसभा में योगी आदित्यनाथ नीत सरकार में वह औद्योगिक विकास मंत्री थे।
विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार, कानपुर में 14 अक्टूबर 1960 को राम अवतार महाना के घर जन्मे सतीश महाना मूल रूप से पंजाब के खत्री हैं और हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। कृषि, बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के कारोबार से जुड़े महाना ने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। जनसेवा, पठन-पाठन, पर्यटन और संगीत में गहरी रुचि रखने वाले महाना ने अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, सिंगापुर, मलेशिया, स्वीडन, नार्वे, न्यूजीलैंड, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चीन, जापान, स्विट्जरलैंड, और ऑस्ट्रेलिया समेत लगभग 35 देशों का भ्रमण कर चुके हैं।
महाना विधानसभा में प्राक्कलन समिति, नियम समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। महाना जनांदोलनों में जेल भी जा चुके हैं। वह वर्ष 1990,, 1992 और 1994 में आंदोलन में जेल गये हैं।
उल्लेखनीय है कि सात चरणों में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम 10 मार्च को घोषित हुआ। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 255 और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 12 तथा निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के 111 तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के आठ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के पास एक सदस्य हैं। इस बार विधानसभा में एक भी निर्दलीय सदस्य नहीं है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक सतीश महाना निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गये। विधानसभा में कार्यवाहक अध्यक्ष रमापति शास्त्री ने मंगलवार को सतीश महाना के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। उन्होंने सदन को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ सतीश महाना का नामांकन पत्र पात्र हुआ और उसके वैध होने पर उनके निर्वाचन की घोषणा करता हूं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए 29 मार्च की तिथि तय की थी। 28 मार्च, सोमवार दो बजे तक विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होनी थी और अकेले सतीश महाना ने ही पर्चा भरा था।
नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने अध्यक्ष पद के लिए महाना के नाम का प्रस्ताव रखा था जिसका सुरेश खन्ना ने समर्थन किया था। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी महाना के नाम का प्रस्ताव और सपा के ही अवधेश प्रसाद ने समर्थन किया था।
जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के रघुराज प्रताप सिंह तथा कांग्रेस की आराधना मिश्रा के अलावा सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी दलों ने भी महाना के नाम का प्रस्ताव और अपना समर्थन दिया। विधानसभा में मंगलवार को उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा कर दी गई।
महाना कानपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से आठवीं बार निर्वाचित हुए हैं। महाना 1991 में पहली बार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और इसके बाद उन्होंने विधानसभा में लगातार अपनी उपस्थिति बनाये रखी।
वह बसपा-भाजपा गठबंधन की मायावती के नेतृत्व की सरकार में नगर विकास राज्य मंत्री के अलावा कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व की सरकारों में भी मंत्री रह चुके हैं। पिछली विधानसभा में योगी आदित्यनाथ नीत सरकार में वह औद्योगिक विकास मंत्री थे।
विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार, कानपुर में 14 अक्टूबर 1960 को राम अवतार महाना के घर जन्मे सतीश महाना मूल रूप से पंजाब के खत्री हैं और हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। कृषि, बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के कारोबार से जुड़े महाना ने स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। जनसेवा, पठन-पाठन, पर्यटन और संगीत में गहरी रुचि रखने वाले महाना ने अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, सिंगापुर, मलेशिया, स्वीडन, नार्वे, न्यूजीलैंड, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चीन, जापान, स्विट्जरलैंड, और ऑस्ट्रेलिया समेत लगभग 35 देशों का भ्रमण कर चुके हैं।
महाना विधानसभा में प्राक्कलन समिति, नियम समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। महाना जनांदोलनों में जेल भी जा चुके हैं। वह वर्ष 1990,, 1992 और 1994 में आंदोलन में जेल गये हैं।
उल्लेखनीय है कि सात चरणों में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम 10 मार्च को घोषित हुआ। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 255 और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 12 तथा निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
राज्य की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के 111 तथा उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के आठ और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के पास एक सदस्य हैं। इस बार विधानसभा में एक भी निर्दलीय सदस्य नहीं है।