बैंक ने अटका रखा समूहों का भुगतान, आर्थिक संकट से घिरा मध्यांह भोजन वितरण, कलेक्टर के पास पहुंचा मामला

दतिया।  बैंक की मनमानी के कारण पोषण आहार का काम करने वाले समूहों का भुगतान लंबे समय से अटका पड़ा है। जिसके कारण आंगनबाड़ियों में मध्यांह भोजन और पोषण आहार वितरण के कार्य में परेशानी खड़ी हो गई है। भांडेर अनुभाग के सालौन बी िस्थत एसबीआई की ब्रांच ने इस क्षेत्र में काम करने वाली समूह को अपने खाते से लेनदेन करने पर पाबंदी लगा दी है।

जबकि बैंक द्वारा मांगे गए सभी जरुरी कागजात समूह अध्यक्ष द्वारा प्रबंधन को दिए जा चुके हैं। साथ ही सरकारी विभाग प्रमुखों ने भी समूह के दस्तावेज का सत्यापन कर बैंक के पास भेजा है। बावजूद इसके बैंक प्रबंधन अपनी हठधर्मिता पर अड़ा हुआ है। यह मामला कलेक्टर की जनसुनवाई में भी उठ चुका है। लेकिन फिलहाल इस ओर कोई कार्रवाई न होने से मध्यांह भोजन वितरण कार्य प्रभावित होना निश्चित है।

परिवर्तन स्व-सहायता समूह बरका आसपास के क्षेत्र की कई आंगनबाड़ी में मध्यांह भोजन पहुंचाता है। जिसका भुगतान संबंधित विभाग की ओर से समूह के सालौनबी एसबीआई ब्रांच में खुले खाते में आता है। जहां बैंक प्रबंधक देवेंद्र शर्मा एवं फील्ड आफीसर महेंद्र राजावत ने समूह के लेनदेन पर यह कहकर रोक लगा दी कि वह अपने सभी खातों के एक ही खाते मंे समाहित कर लें। समूह अध्यक्ष ने सभी विभागों से इसकी मंजूरी लेकर एक ही खाता कर लिया।

जब इस शर्त की पूर्ति हो गई तो बैंक प्रबंधन ने हस्ताक्षर सत्यापित करने का अडंगा डाल दिया। इसे लेकर भी जनपद सीईओ से लेकर अन्य संबंधित अधिकारियों से सत्यापन कराकर कागजात बैंक को सौंपे गए। सभी खानापूर्ति के बाद बैंक प्रबंधन से सभी दस्तावेज अपने पास रख लिए और समूह अध्यक्ष को यह कहकर चलता कर दिया कि मामला देखकर कार्रवाई करेंगे। बैंक के इस रवैए से समूह आर्थिक संकट में आ गए हैं।

जिससे मध्यांह भोजन वितरण का कार्य भी प्रभावित होगा। इस मामले में कलेक्टर को जनसुनवाई में समूह की ओर से सारिका शर्मा एवं सचिव कलावती ने आवेदन भी सौंपा था। लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई। बैंक प्रबंधन की मनमानी से समूह आर्थिक संकट में घिर गया है। समूह अध्यक्ष का कहना है कि अपने ही खाते से नियमानुसार पैसों के लेनदेन पर रोक लगाना सर्वथा गलत है। बैंक के कामकाज का यह रवैया परेशान करने वाला है।

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