ठोस हल न होने के कारण किसान जलाते हैं पराली – CM भगवंत मान , पंजाब को मौकों के धरती बताते हुये ख़ूबियाँ गिनाईं
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चंडीगढ़ : भगवंत मान ने आज केंद्रीय वातावरण मंत्री के आगे टैक्सों में से राज्य का बनता हिस्सा और ग्रामीण विकास फंडों (आरडीएफ) के बकाए तुरंत जारी करने का मसला उठाया। मुख्यमंत्री ने यहां धान की पराली के प्रभावी प्रबंधन के लिए करवाई वर्कशॉप को संबोधन करते हुये देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान डालने के लिए राज्य की वित्तीय स्थिरता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को देश के विकास में व्यापक और प्रभावी भूमिका निभाने के लिए ताकतें देनी चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि इसलिए केंद्र सरकार को टैक्सों और ग्रामीण विकास फंड (आर. डी. एफ.) का बकाया हिस्सा जारी करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को उचित मंच पर उठाने के लिए केंद्रीय वातावरण मंत्री भुपिन्दर यादव के दख़ल की माँग की। धान की पराली को संपत्ति बताते हुये उन्होंने धान की पराली जलाने के खतरे के प्रबंधन के लिए टिकाऊ विधि विकसित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। भगवंत मान ने कहा कि यह समूचे उत्तरी क्षेत्र का लंबे समय से लटका हुआ मसला है परन्तु किसानों के पास फ़सलों के अवशेष को संभालने के लिए ठोस ढंगों की कमी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पहले पराली को आग नहीं लगाना चाहते क्योंकि इसका हर्जाना किसानों के परिवारों को भी भुगतना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को पराली की खरीद को यकीनी बना कर इससे हर हाल में निपटने के लिए सांझा कार्य योजना तैयार करके आपसी सहयोग करने की ज़रूरत है। वरबीयो कंपनी की मिसाल देते हुये भगवंत मान ने कहा कि इस कंपनी ने 47 हज़ार एकड़ में पराली को संभालने का जिम्मा उठाया है और ऐसी कंपनियों को और उत्साहित करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने खेती विभिन्नता को उत्साहित करने के लिए सभी फसलों के निश्चित भाव की बड़ी ज़िम्मेदारी पहले ही उठाई हुई है। उन्होंने दोहराया कि किसानों के विरुद्ध एफ. आई. आर. दर्ज करना इस समस्या से निपटने का हल नहीं है क्योंकि इसमें सामाजिक तौर पर बदनामी जुड़ी हुई है। भगवंत मान ने कहा कि किसानों की पूरी तरह खेती पर निर्भरता ही किसान आत्म-हत्याओं का मुख्य कारण है।

केंद्रीय मंत्री को राज्य की समृद्ध विरासत के बारे याद दिलाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के बहादुर नायकों ने विदेशी साम्राज्यवाद की जंजीरों से मुक्त होने के लिए मिसाली बलिदान दिये हैं। उन्होंने कहा कि यह तथ्य रिकॉर्ड पर है कि जिन महान देश भक्तों ने अपनी जानें कुर्बान की या किसी न किसी रूप में अंग्रेज़ों के ज़ुल्मों का शिकार हुए, उनमें से 90 प्रतिशत से अधिक पंजाबी थे। भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि आज भी देश की सरहदों की रक्षा के लिए पंजाबी सबसे आगे हैं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब भी भारत को अंदरूनी या बाहरी हमले की किसी भी चुनौती का सामना करना पड़ा तो पंजाबियों ने देश का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि राज्य के मेहनती किसानों ने देश को अनाज उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि राज्य सरकार के ठोस यत्नों से राज्य की पुरातन शान जल्द ही बहाल हो जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबी पैदायशी हिम्मती हैं जो राज्य को औद्योगिक विकास की राह पर लाने के लिए हर संभव यत्न करने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाबी उद्यमियों ने विश्व भर में अपनी काबलीयत का सबूत दिया है और अब समय आ गया है जब हम राज्य में विकास की तरफ ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे राज्य को देश का अग्रणी औद्योगिक राज्य बनाने के साथ-साथ नौजवानों के लिए रोज़गार के नये रास्ता खोलेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए सहायक धंधों को अपनाने के लिए उत्साहित करने की ज़रूरत है। अपनी किस्म की पहली ‘किसान-मिलनी’ के बारे बोलते हुये उन्होंने कहा कि किसान समूचे किसान भाईचारे को पेश हर समस्या का हल जानते हैं। भगवंत मान ने कहा कि इसलिए राज्य सरकार ने पहली बार किसानों को पेश मुश्किलों का हल ढूँढने के लिए उनके साथ संबंध कायम किया है।

फ़सली चक्र के बारे बोलते हुये मुख्यमंत्री ने धान की ऐसीं किस्मों को अपनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जो पकने के लिए कम से कम समय लेती हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना, धान का सार्थक विकल्प है परन्तु इसको बेचने के लिए किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ने की काश्त को बड़े स्तर पर उत्साहित करने के लिए पहले ही बड़े यत्न कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गन्ना काश्तकारों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए पहलकदमियां की हैं। उन्होंने कहा कि शूगरफैड्ड की तरफ से किसानों के सभी बकाए पहले ही निपटा दिए गए हैं। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने 380 रुपए प्रति क्विंटल एस. ए. पी. पर गन्ने की खरीद की है।

पंजाब को मौकों की धरती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में निवेश करने के लिए कई कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि देश के औद्योगिक केंद्र के तौर पर तेज़ी से उभर रहे राज्य में निवेश करने से उद्यमियों को बहुत लाभ होगा। भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में भाईचारक सांझ, शांति और सदभावना है, जो राज्य के सर्वपक्षीय विकास और खुशहाली का मुख्य आधार हैं।

इससे पहले वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपने संबोधन में कान्फ़्रेंस में आए मेहमानों का स्वागत किया। उन्होंने अपने विभाग की तरफ से पराली जलाने की समस्या को ख़त्म करने के लिए की गई अलग-अलग पहलकदमियों जैसे कि फ़सल के अवशेषों का खेतों में या खेतों से बाहर निपटारा का ज़िक्र भी किया। मीत हेयर ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को इस रुझान से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रही है और उनका सम्मान भी कर रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री भुपिन्दर यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फूलकारी, बुटा और श्री हरिमन्दर साहिब के मॉडल से सम्मानित किया

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