नई दिल्ली । जीएसटी परिषद ने 3 सितंबर 2025 को हुई अपनी 56वीं बैठक में दूध और दूध से बने उत्पादों पर व्यापक दर-युक्तिकरण को मंजूरी दी। यह कदम देश के डेयरी क्षेत्र को मज़बूत करने की दिशा में सबसे बड़े कर सुधारों में से एक माना जा रहा है। अब अधिकांश डेयरी उत्पाद या तो पूरी तरह करमुक्त होंगे या उन पर केवल 5 प्रतिशत की मामूली दर लागू होगी। यह संशोधित ढांचा 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।
किन उत्पादों पर घटा जीएसटी
● यूएचटी दूध : 5% से घटाकर शून्य
● पनीर/छेना (पैक्ड व लेबल वाले) : 5% से घटाकर शून्य
● मक्खन, घी, डेयरी स्प्रेड : 12% से घटाकर 5%
● पनीर (अन्य) : 12% से घटाकर 5%
● गाढ़ा दूध : 12% से घटाकर 5%
● दूध युक्त पेय पदार्थ : 12% से घटाकर 5%
● आइसक्रीम : 18% से घटाकर 5%
● दूध के डिब्बे : 12% से घटाकर 5%
किसानों और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा : इस कर-युक्तिकरण से 8 करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों को राहत मिलेगी, विशेषकर छोटे और सीमांत किसान जो दुधारू पशुओं पर अपनी आजीविका निर्भर करते हैं। साथ ही उपभोक्ताओं को भी डेयरी उत्पादों की कीमतों में कमी से लाभ होगा। कम कराधान से उत्पादन और आपूर्ति लागत घटेगी, जिससे उत्पाद अधिक सस्ते और सुलभ होंगे।
इसके अलावा, यह कदम मिलावट पर अंकुश लगाने और घरेलू व निर्यात दोनों बाजारों में भारतीय डेयरी उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में सहायक होगा।
भारत का डेयरी क्षेत्र : वैश्विक स्तर पर अग्रणी – भारत वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है।
● 2023-24 में उत्पादन : 239 मिलियन टन (वैश्विक उत्पादन का 24%)
● अर्थव्यवस्था में योगदान : राष्ट्रीय जीडीपी में 5.5%
● मूल्य : 2023-24 में दूध उत्पादन का मूल्य 12.21 लाख करोड़ रुपये
● 2024 का अनुमानित बाजार आकार : 18.98 लाख करोड़ रुपये
डेयरी उद्योग न केवल कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है बल्कि खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण रोजगार और किसानों की आय वृद्धि में भी अहम भूमिका निभाता है।
भविष्य की दिशा : विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में यह युक्तिकरण उत्पादकता और स्थायित्व को मज़बूत करेगा। ग्रामीण स्तर पर दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जबकि उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद सुलभ होंगे। यह सुधार भारत को न सिर्फ दूध उत्पादन में अग्रणी बनाए रखेगा बल्कि वैश्विक निर्यात क्षमता भी बढ़ाएगा।


