नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनावों के लिए व्यापक तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मतदान के दिन प्रत्येक मतदान केंद्र पर न्यूनतम सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएं और मतदाताओं को आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।
मतदाताओं के लिए आवश्यक सुविधाएं अनिवार्य : आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान केंद्रों पर पेयजल, प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप, मानक मतदान कक्ष और उचित दिशासूचक बोर्ड जैसी सभी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इन सुविधाओं का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को सुगम, सुरक्षित और समावेशी बनाना है ताकि कोई भी मतदाता असुविधा का सामना न करे।
मतदाता सुविधा पोस्टर और सहायता बूथ स्थापित होंगे : प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार मानकीकृत मतदाता सुविधा पोस्टर (Voter Facilitation Posters – VFP) प्रमुखता से लगाए जाएंगे। इनमें मतदान केंद्र की जानकारी, उम्मीदवारों की सूची, क्या करें और क्या न करें, पहचान दस्तावेजों की सूची तथा मतदान प्रक्रिया से संबंधित जानकारी होगी।
साथ ही, हर केंद्र पर मतदाता सहायता बूथ (Voter Assistance Booth – VAB) भी स्थापित किए जाएंगे, जहां बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) मतदाताओं को उनकी नामावली और क्रम संख्या खोजने में मदद करेंगे।
मोबाइल जमा सुविधा और पारदर्शी व्यवस्था : इस वर्ष की एक नई पहल के तहत मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा काउंटर बनाए जाएंगे। मतदाताओं को केंद्र में प्रवेश से पहले अपना मोबाइल फोन बंद कर निर्धारित स्वयंसेवक को सौंपना होगा, जिसे मतदान के बाद वापस लिया जा सकेगा।
आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी जिलों के अधिकारी मतदान तिथियों से पहले इन सुविधाओं को पूरी तरह क्रियान्वित करें ताकि मतदान दिवस पर कोई बाधा न उत्पन्न हो।
सुगम, सुरक्षित और पारदर्शी मतदान का संकल्प : निर्वाचन आयोग ने दोहराया कि ये सभी व्यवस्थाएं अनिवार्य हैं और इनके अनुपालन की सख्त निगरानी की जाएगी। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर मतदाता को सुविधाजनक, सुचारु और सम्मानजनक मतदान अनुभव प्राप्त हो।


