नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से निर्वाचन आयोग ने नकदी, शराब और नशीले पदार्थों की अवैध आवाजाही पर रोक लगाने के लिए आज नई दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन में चुनाव आसूचना संबंधी बहु-विभागीय समिति (MDCIE) की अहम बैठक आयोजित की।
प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय चर्चा : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने संयुक्त रूप से प्रवर्तन एजेंसियों को चुनाव अवधि में सक्रिय और निवारक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आयोग ने कहा कि चुनावों को धनबल और अन्य प्रलोभनों से मुक्त रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक में सीबीडीटी, सीबीआईसी, ईडी, डीआरआई, सीईआईबी, एफआईयू-आईएनडी, आरबीआई, आईबीए, एनसीबी, आरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी, बीसीएएस, एएआई और डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसके अलावा बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
शून्य सहनशीलता नीति पर बल : बैठक में आयोग ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तस्करी की निगरानी कड़ी की जाए, ताकि नकदी, शराब, ड्रग्स और अन्य अवैध सामग्री की आवाजाही रोकी जा सके। इसके लिए निर्वाचन क्षेत्रों का सूक्ष्म स्तर पर मानचित्रण (mapping) करने पर बल दिया गया।
आयोग ने कहा कि सभी प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आर्थिक अपराधों से जुड़ी खुफिया जानकारी का प्रभावी आदान-प्रदान और सहयोग सुनिश्चित किया जाए। राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर समन्वय को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए।
निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव की दिशा में कदम : निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रकार के अवैध प्रलोभन, नकदी वितरण या नशीले पदार्थों की तस्करी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग ने राज्य में ‘शून्य सहनशीलता’ की नीति अपनाने की सख्त हिदायत दी है ताकि लोकतंत्र की गरिमा और मतदाता की स्वतंत्रता सुरक्षित रह सके।