ग्वालियर : घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत दरों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी देने का निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू योजना में 150 यूनिट तक की मासिक खपत पर प्रथम 100 यूनिट तक अधिकतम 100 रुपये का देयक दिए जाने और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बी.पी.एल. घरेलू उपभोक्ता, जिनकी मासिक खपत 30 यूनिट है, से मात्र 25 रुपये प्रतिमाह के मान से 4 माह में 100 रुपये लिए जाने का प्रावधान इस वर्ष भी जारी रखा गया है। गृह ज्योति योजना में 4981 करोड़ 69 लाख रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
मंत्रि-परिषद ने कृषि उपभोक्ता श्रेणी को भी विद्युत दरों में राहत प्रदान करने का निर्णय लिया है। 10 हॉर्सपावर तक की क्षमता के मीटर रहित स्थायी कृषि पम्प उपभोक्ता को 750 रुपये प्रति हॉर्सपावर प्रति वर्ष की फ्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा वितरण कम्पनियों को 9876 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
इस निर्णय से प्रदेश के लगलगभग 21 लाख 75 हजार कृषि पम्प उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। 10 हॉर्सपावर से अधिक की क्षमता के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता से 1500 रुपये प्रति हॉर्सपावर प्रति वर्ष की फ़्लैट दर देय होगी। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को देय होगी। इसके लिए 644 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 50 हजार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। मीटर युक्त स्थाई और अस्थाई कृषि पंप संयोजनों पर ऊर्जा प्रभार, ईंधन प्रभार एवं नियत प्रभार में छूट दी जाएगी।
छूट राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में कंपनियों को वितरित किया जाएगा। इसके लिये 350 करोड़ रुपये की राशि देय होगी एवं इससे लगभग 2 लाख अस्थायी एवं 20 हजार मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले 5 हॉर्सपावर तक के अनुसूचित जाति और जनजाति के कृषि उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत प्रदाय की जाएगी।
देयक की सम्पूर्ण राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में देय होगी एवं इससे लगभग 9 लाख 25 हजार कृषि पंप उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 4733 करोड़ रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जाएगी। उच्च दाब उदवहन, समूह सिंचाई उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार तथा वार्षिक न्यूनतम प्रभार में छूट दी जाएगी।
छूट राशि राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में वहन की जाएगी। इसके लिए 90 करोड़ रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में देय होगी। मंत्रि-परिषद द्वारा लिए गए निर्णय से प्रदेश के कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओ को विद्युत देयक में 15,722 करोड़ 87 लाख रुपये की वार्षिक राहत प्राप्त होगी।