मुंबई : केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे संवैधानिक मूल्यों का हनन करार दिया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से न तो हम डरेंगे, न दबेंगे। हम लोकतांत्रिक तरीकों से लड़ते रहेंगे। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा जारी रहेगी। जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान मंगलवार को रत्नागिरी में नारायण राणे की गिरफ्तारी के विरोध में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि हम मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में दिए गए राणे के वक्तव्य का समर्थन नहीं करते। लेकिन हम उनका समर्थन पूरी ताकत से करते रहेंगे।

फड़नवीस ने कहा कि यह सरकार भारत माता को गाली देने एवं हिंदुओं को अपशब्द कहने वाले शर्जील उस्मान के विरुद्ध तो एफआइआर दर्ज नहीं करती, न उसे गिरफ्तार करने की हिम्मत जुटा पाती है। लेकिन नारायण राणे के एक बयान पर उनके खिलाफ कई जगह एफआइआर दर्ज हो जाती हैं और उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाता है।
यह पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग है। उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक से बार-बार लताड़ पड़ने के बावजूद यह सरकार कई मामलों में पुलिस का दुरुपयोग करती दिखाई दे रही है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी राणे की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि अनिल देशमुख सहित राज्य के दो दर्जन से ज्यादा मंत्रियों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं।
आज तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत रोज न जाने क्या-क्या बयान देते हैं, उनके खिलाफ कोई एफआइआर क्यों नहीं दर्ज हुई? पात्रा के अनुसार राणे के विरुद्ध बदले की भावना के तहत कार्रवाई की गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी राणे पर की गई कार्रवाई को राज्य सरकार की मूर्खतापूर्ण कार्रवाई बताया है।
उन्होंने सवाल किया कि शिवसेना द्वारा आए दिन राज्यपाल एवं प्रधानमंत्री के विरुद्ध जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, वह उचित है क्या? उन्होंने समाचार चैनलों से कहा कि मुख्यमंत्री की दशहरा रैली की फुटेज उठाकर देखिए, वह क्या-क्या कहते रहे हैं। पाटिल के अनुसार हर व्यक्ति के बोलने की एक शैली होती है। राणे ने भी अपनी शैली में जो कहा, उसका वह अर्थ कतई नहीं था, जिसके आधार पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।