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मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में उपचुनाव के दौरान कांग्रसे नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की चुनावी सभाओं और रैलियों पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता इमरती देवी के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसको लेकर वह बुरी तरह विवादों में घिर गए थे। इस पर विवाद बढ़ने के बाद चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कमलनाथ द्वारा नोटिस का जवाब दिए जाने के बाद आयोग ने कहा कि उन्होंने भाजपा महिला प्रत्याशी के लिए आइटम जैसे शब्द का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार के नियमों को उल्लंघन किया है। आयोग ने कमलनाथ को सलाह देते हुए कहा कि किसी जनसभा को संबोधित करने के दौरान ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, खासकर जब आचार्य संहिता हो।
कमलनाथ की टिप्पणी के जवाब में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने एक वीडियो में अपने राजनीतिक भविष्यंदी को बिना नाम लिए कहा है। साथ ही राजनीतिक तंदी के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ की थी। हालाँकि, इस वीडियो में इमरती देवी ने किसी का नाम नहीं लिया था। फिर भी माना जा रहा है कि उन्होंने यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर की थी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने इमरती देवी को मंगलवार को नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब देने को कहा है।
इसके बाद अब मध्यप्रदेश भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चुनावी जनसभाओं और रैलियों पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
भोपाल. मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में उपचुनाव के दौरान कांग्रसे नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की चुनावी सभाओं और रैलियों पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
मध्य प्रदेश: भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ से राज्य में उपचुनावों के दौरान सार्वजनिक सभाओं को आयोजित करने और सार्वजनिक सभाएं करने का अनुरोध किया
– एएनआई (@ANI) 28 अक्टूबर, 2020
हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता इमरती देवी के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी थी। इसको लेकर वह बुरी तरह विवादों में घिर गए थे। इस पर विवाद बढ़ने के बाद चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कमलनाथ द्वारा नोटिस का जवाब दिए जाने के बाद आयोग ने कहा कि उन्होंने भाजपा महिला प्रत्याशी के लिए आइटम जैसे शब्द का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार के नियमों को उल्लंघन किया है। आयोग ने कमलनाथ को सलाह देते हुए कहा कि किसी जनसभा को संबोधित करने के दौरान ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, खासकर जब आचार्य संहिता हो। कमलनाथ की टिप्पणी के जवाब में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी ने एक वीडियो में अपने राजनीतिक भविष्यंदी को बिना नाम लिए कहा है। साथ ही राजनीतिक तंदी के परिवार की महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियाँ की थी। हालाँकि, इस वीडियो में इमरती देवी ने किसी का नाम नहीं लिया था। फिर भी माना जा रहा है कि उन्होंने यह टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर की थी। इसको लेकर चुनाव आयोग ने इमरती देवी को मंगलवार को नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब देने को कहा है।
इसके बाद अब मध्यप्रदेश भाजपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के चुनावी जनसभाओं और रैलियों पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
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