बजट 2024 : 4.1 करोड़ युवाओं के लिए प्रधानमंत्री पैकेज की घोषणा, रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान ; ये है पूरी योजना !

नई दिल्ली  : केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने  संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि इस बजट में हमने मुख्‍य रूप से रोजगार, कौशल विकास, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम तथा मध्‍यम वर्ग पर ध्‍यान केन्द्रित किया है।

नई सरकार के गठन के बाद पहला बजट पेश करते हुए वित्‍त मंत्री ने पांच योजनाओं और नई पहल के एक पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज का उद्देश्‍य 4.1 करोड़ युवाओें को रोजगार सृजन, कौशल विकास और अन्‍य अवसर उपलब्‍ध कराना है, जिसके लिए पांच वर्ष की अवधि में दो लाख करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता राशि निर्धारित की गई है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए एक लाख 48 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

वित्‍त मंत्री ने इन घोषणाओं के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के पैकेज के हिस्‍से के रूप में एम्‍प्‍लॉयमेंट लिंक्‍ड इंसेंटिव के लिए तीन योजनाओं को लागू करेगी। उन्‍होंने कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्‍य निधि- ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार रोजगार पाने वाले को पहचान दिलाने में मदद करेंगी साथ ही रोजगार देने वाले तथा रोजगार प्राप्‍त करने वाले का सहयोग करेंगी।

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योजना ए: पहली बार रोजगार पाने वाले

यह योजना सभी प्रमुख औपचारिक कार्य क्षेत्रों में कामगार के रूप में शामिल होने वाले नये युवाओं को एक महीने का वेतन उपलब्‍ध करायेगी। इससे दो वर्ष तक 2.1 करोड़ युवा लाभांवित होंगे। इस योजना में शामिल होने के लिए पात्रता की सीमा वेतन के रूप में एक लाख रुपये प्रतिमाह तक होगी। कर्मचारी भविष्‍य निधि- ईपीएफओ में पंजीकृत हुए पहली बार रोजगार पाने वाले लोगों को प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण के माध्‍यम से एक महीने का वेतन 15 हजार की तीन किस्‍तों में दिया जाएगा और यह अधिकतम होगा। इस योजना से 210 लाख युवाओं के लाभान्वित होने की आशा है।

योजना बी: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन

इस योजना में विनिर्माण क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहन दिया जाएगा, जो पहली बार रोजगार पाने वाले कामगारों के रोजगार से जुड़ा हुआ है। योजना के अंतर्गत पहली बार रोजगार पाने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं के लाभान्वित होने की आशा है। मुख्‍य रूप से कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को सीधे तौर पर एक विनिर्दिष्ट पैमाने पर रोजगार के पहले चार वर्षों में ईपीएफओ में उनके अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन राशि उपलब्‍ध कराई जाएगी। यदि पहली बार रोजगार पाने वाले कामगार की सेवाएं उसकी नियुक्ति के 12 महीनों के अंदर समाप्‍त कर दी जाती है तो सब्सिडी नियोक्‍ता के द्वारा लौटाई जाएगी।

योजना सी: नियोक्ताओं को सहायता

रोजगार देने वाले नियोक्ताओं पर केंद्रित इस योजना में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को शामिल किया जाएगा। इसमें एक लाख रुपए प्रतिमाह के वेतन के भीतर सभी अतिरिक्त रोजगारों की गणना की जाएगी। सरकार, प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के संबंध में नियोक्ताओं को ईपीएफओ अंशदान के लिए उन्हें 2 वर्षों तक 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करेगी। इस योजना से 50 लाख व्यक्तियों को अतिरिक्त रोजगार प्रोत्साहन मिलने की आशा है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत चौथी योजना के रूप में राज्य सरकारों और उद्योग जगत के सहयोग से कौशल प्रशिक्षण के लिए केंद्र द्वारा प्रायोजित एक नई योजना की घोषणा की जा रही है। इस योजना के तहत 5 वर्षों की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और इसके लिए 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। परिणाम उन्मुख दृष्टिकोण के साथ हब और स्पोक व्यवस्था में 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को आधुनिक तरीके से विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए कौशल संबंधी आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु और कार्य योजना तैयार किए जाएंगे तथा नई संभावनाओं के लिए नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत 5वीं योजना के रूप में 500 शीर्ष कंपनियों में 5 वर्षों के दौरान एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण (इसमें कं‍पनियों की भागीदारी स्‍वैच्छिक होगी) प्राप्‍त करने के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना की शुरूआत करेगी। उन्हें वास्‍तविक व्यवसायिक वातावरण, विभिन्न कार्य क्षेत्रों और रोजगार के अवसरों के लिए 12 महीनों का अनुभव मिलेगा। इस योजना के तहत 5,000 रुपये प्रतिमाह का प्रशिक्षण भत्ता और 6,000 रुपये की एकबारगी सहायता राशि प्रदान की जाएगी। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इसके लिए कंपनियों से प्रशिक्षण और इंटर्नशिप लागत का 10 प्रतिशत हिस्‍सा अपनी सीएसआर निधियों से वहन करने की अपेक्षा की जाती है। ऐसे युवा जो 21 से 24 वर्ष आयु वर्ग के हैं और बेरोजगार हैं, साथ ही किसी भी शैक्षिक गतिविधि में पूर्ण रूप से शामिल नहीं है, वे इस योजना के पात्र हैं और आवेदन कर सकते हैं।

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