कानपुर : यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर (यूआइडी) लागू होते ही कारोबारी को बिल पर ही जेवर की फोटो भी लगानी होगी। कारोबारियों के मुताबिक सबकुछ इलेक्ट्रानिक रूप से होने से जो भी जेवर बेचा जाएगा, उसकी फोटो खींचकर बिल के ऊपर प्रोडक्ट वाले स्थान पर कापी-पेस्ट करनी होगी। साथ ही बिल पर कारोबारी व हालमार्क एजेंसी का भी पूरा डाटा रहेगा।
हालांकि, अभी यूआइडी पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति में चर्चा जारी है और शनिवार को एक बार फिर इस पर चर्चा होनी है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) इस समय हालमार्क के मानकों के साथ ही यूआइडी भी सामने लेकर आया है। हालांकि, सराफा कारोबारी यूआइडी पर अभी राजी नहीं हो रहे हैं।
आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड स्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोड़ा के मुताबिक यूआइडी में जो बिल होगा, उसमें जिस जेवर की बिक्री होगी, उसकी फोटो भी लगानी होगी।
यह सब कंप्यूटराइज्ड होगा। साथ ही इसमें कारोबारी का नाम, उसका पता, उसका कोड नंबर होगा। इसी तरह हालमार्क के केंद्र का नाम, उसका पता और कोड नंबर होगा। इनके साथ यूनिक कोड, भार, शुद्धता और बिक्री का स्टेट्स देना होगा।
कारोबारियों के मुताबिक अभी यूनिक आइडी नंबर लिखवाने में ही काफी समय लगेगा, क्योंकि एक पीस पर लेजर मशीन से यह नंबर लिखवाने में चार मिनट का समय लगता है। हालांकि, हालमार्क को अनिवार्य करने का एक अच्छा पहलू यह भी है कि लोगों ने इसका लाइसेंस लेना शुरू कर दिया है। कुछ माह पहले जो संख्या 45 थी, इस समय 86 हो चुकी है।