Datia News : दतिया। एक पुत्री ने पुत्र का फर्ज निभाते हुए विधि विधान से अपने पिता को मुखाग्नि देकर समाज के सामने एक मिसाल पेश की। शुक्रवार को स्थानीय बुंदेला कालौनी निवासी राजेंद्र शाक्य पुत्र बंशीलाल शाक्य की मृत्यु हो गई। अंतिम संस्कार की तैयारियां की जाने लगी।
लेकिन मृतक का कोई पुत्र ना होने से समाज के लोग इसका उपाय खोजने में जुट गए। इस स्थिति में मृतक की इकलौती संतान पुत्री दिव्या शाक्य आगे आई और उसने अपने पिता की इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार करने का निर्णय सुनाया।
जिसे सुनकर मौजूद लोगों ने भी सहयोग दिया और मुक्तिधाम पर एक बेटी ने अपने पिता के अंितम संस्कार की सारी प्रक्रिया बेटे की तरह पूरी की।
इस मौके पर मौजूद लोगों ने भी कहाकि बेटियों को बेटा से कम नहीं समझना चाहिए। मौका पड़ने पर बेटियां भी वह सारे कार्य कर सकती है जो एक बेटा करता है। मृतक राजेंद्र शाक्य की इकलौती बेटी दिव्या ने बताया कि उनके पिता ने उसे बेटे की तरह ही पाला था।
उनकी यह इच्छा भी थी कि उनकी चिता को मुखाग्नि उनकी बेटी ही दे। बस अपने पिता की इसी इच्छा काे पूरा करने के लिए उन्होंने वो सभी दायित्व निभाए जो एक बेटा निभाता है।
इस मौके पर मौजूद लोगों ने दिव्या के इस कदम को सराहते हुए कहाकि समाज के लिए उस बेटी ने एक मिसाल पेश की है।