नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना के चरण-1बी को मंजूरी प्रदान की है। इस स्वीकृति के बाद पुराने लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। नया कॉरिडोर 11.165 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड स्टेशन मिलाकर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। परियोजना के पूरा होने पर लखनऊ का मेट्रो नेटवर्क लगभग 34 किलोमीटर तक विस्तारित हो जाएगा।
परियोजना का उद्देश्य और दायरा : लखनऊ मेट्रो का चरण-1बी शहर के पुराने हिस्सों को नए परिवहन ढांचे से जोड़ने पर केंद्रित है। इस मार्ग से अमीनाबाद, यहियागंज, पांडेयगंज और चौक जैसे प्रमुख व्यापारिक केंद्रों तक आसान पहुंच बनेगी। साथ ही, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, भूल-भुलैया, घंटाघर तथा रूमी दरवाजा जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों को भी मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी।
अपेक्षित लाभ
● यातायात में सुधार: मेट्रो नेटवर्क के विस्तार से जाम की समस्या में कमी आएगी और यात्रा समय घटेगा।
● पर्यावरणीय लाभ: इलेक्ट्रिक आधारित परिवहन प्रणाली से वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी।
● आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा: मेट्रो स्टेशनों के आसपास बाजारों और छोटे व्यवसायों को नए अवसर मिलेंगे।
● सामाजिक प्रभाव: विभिन्न आय वर्ग के लोगों के लिए सुरक्षित, सस्ता और तेज़ परिवहन उपलब्ध होगा।
लागत और क्रियान्वयन : परियोजना की अनुमानित लागत ₹5,801 करोड़ है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त निवेश शामिल है। संबंधित विभागों के अनुसार, कार्य पूरा होने पर यह मेट्रो कॉरिडोर न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा बल्कि शहर के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।