पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी : 40% सस्ती होगी शराब,1 जुलाई से लागू हो रही नई नीति !

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रीमंडल ने आज नयी आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है जिससे 9647.85 करोड़ रुपए का राजस्व पैदा होने की संभावना है जो बीते साल की अपेक्षा 40 प्रतिशत अधिक होगा। यह फ़ैसला  बाद दोपहर यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया। यह प्रगटावा करते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति सख़्ती से पालना करके और नये प्रौद्यौगिकी कदमों को शामिल करते हुए पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर कड़ी नजऱ रखने पर ज़ोर देती है। नयी आबकारी नीति का उद्देश्य साल 2022-23 में 9647.85 करोड़ रुपए एकत्रित करना है। यह नीति एक जुलाई, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक 9महीनों के समय के लिए लागू रहेगी।

कैबिनेट ने आबकारी विभाग के साथ पहले तैनात पुलिस के इलावा दो और विशेष बटालियनें आबकारी विभाग को अलॉट करने की भी सहमति दी है जिससे एक्साईज ड्यूटी की चोरी पर प्रभावशाली तरीके से नजऱ रखी जा सके। इससे पंजाब में पड़ोसी राज्यों से होती शराब की तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी।

नयी आबकारी नीति का उद्देश्य शराब कारोबार में लगे माफिया के गठजोड़ को तोडऩा है। इस मुताबिक शराब निर्माता, थोक विक्रेता और परचून विक्रेताओं के बीच एक-दूसरे से दूरी बनेगी। इस नीति से यह सभी पूरी तरह अलग इकाई के तौर पर काम करेंगे और इन कारोबारों के बीच कोई सांझा हिस्सेदार नहीं होगा।

नयी आबकारी नीति ई-टैंडरिंग के निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग के द्वारा 177 ग्रुपों को अलाट करके शराब के कारोबार का असली सामथ्र्य का पता लगाने का उद्देश्य निर्धारित करती है। एक ग्रुप का आम आकार लगभग 30 करोड़ होगा और पंजाब में 6378 ठेके होंगे। पी.एम.एल. को छोड़ कर हर किस्म की शराब की आबकारी ड्यूटी थोक कीमत की एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जायेगी। उसी तजऱ् पर आई.एफ.एल. की मूल्यांकन की गई फीस भी थोक कीमत के एक प्रतिशत के हिसाब से वसूली जायेगी। शराब की कीमतें अब लगभग पड़ोसी राज्यों के बराबर होंगी।

राज्य में पूँजी निवेश को उत्साहित करने और रोजग़ार के मौके बढ़ाने के लिए इस नीति में नये डिस्टिलरी लायसेंस और ब्रियूवरी लायसेंस का भी प्रस्ताव रखा गया है। इसके इलावा माल्ट स्प्रिट के उत्पादन के लिए नया लायसेंस भी लाया गया है। इससे फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को अपनी उपज की बढिय़ा कीमत मिलेगी।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter