नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की प्रधानमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किए और उनकी उपलब्धियों पर एक-एक करके चर्चा की, जिसके बाद पूरे समूह के साथ बातचीत की गई।
उन्होंने अनौपचारिक माहौल में खुले दिल से बातचीत की। बच्चों ने प्रधानमंत्री से कई विषयों के बारे में अनेक प्रश्न पूछे और उनके सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर उनसे मार्गदर्शन मांगे। प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं को सुझाव दिया कि वे जीवन में आगे बढ़ने के लिए छोटी समस्याओं को हल करके शुरुआत करें, धीरे-धीरे क्षमता का निर्माण करें, क्षमता बढ़ाएं और बड़ी समस्याओं को हल करने के लिए आत्मविश्वास विकसित करें।
मानसिक स्वास्थ्य और बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस समस्या को दूर करने और ऐसे मुद्दों से निपटने में परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा कई अन्य विषयों पर भी चर्चा की गई, जिनमें शतरंज खेलने के लाभ, कला और संस्कृति को करियर के रूप में लेना, अनुसंधान और नवाचार, आध्यात्मिकता आदि शामिल हैं।
भारत सरकार 6 श्रेणियों नामत : नवाचार, समाज सेवा, शैक्षिक, खेल, कला एवं संस्कृति और वीरता में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करती रही है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिया जाता है। इस वर्ष बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 11 बच्चों को पीएमआरबीपी-2023 के लिए चुना गया है।
11 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुरस्कार विजेताओं में 6 लड़के और 5 लड़कियां शामिल हैं, जिनके नाम हैं: आदित्य सुरेश, एम. गौरवी रेड्डी, श्रेया भट्टाचार्जी, संभव मिश्रा, रोहन रामचंद्र बहिर, आदित्य प्रताप सिंह चौहान, ऋषि शिव प्रसन्ना, अनुष्का जॉली, हनाया निसार, कोलागाटला अलाना मीनाक्षी और शौर्यजीत रंजीतकुमार खैरे।