पंजाब में नई पार्टी बनाएंगे कैप्टन अमरिंदर : रणनीति को लेकर की घोषणा, किसान आंदोलन निपटने पर ही करेंगे भाजपा से गठबंधन

अमृतसर : पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने चुनाव से पहले अपनी नई रणनीति को लेकर घोषणा की है। जिसे लेकर राजनैतिक गलियारों में सियासत गर्मा गई। अमरिंदर की इस घोषणा के बाद उनके भाजपा में जाने की कयासों पर भी विराम लग गया है। लेकिन गठबंधन की संभावना अवश्य जताई गई है। इस सबको लेकर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया फिलहाल नहीं आई है।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा सियासी धमाका किया है। कैप्टन ने साफ कर दिया है कि वह पंजाब में नई पार्टी बनाएंगे और उसी के जरिए 4 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन होगा।

इस गठजोड़ में शिरोमणि अकाली दल (बादल) से अलग हो चुके सुखदेव सिंह ढींढसा और रणजीत ब्रह्मपुरा के गुट को भी जोड़ेंगे। हालांकि उससे पहले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का सही समाधान निकालने की बात कही जा रही है।

अमरिंदर ने हाल में दिए एक इंटरव्यू में संकेत दिए थे कि दिल्ली में सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन जल्दी ही एक प्रस्ताव की तरफ आगे बढ़ सकता है। इसमें केंद्र सरकार किसानों से बात करेगी। उन्होंने कहा कि कृषि सुधार कानूनों का मसला हल होने के बाद ही वे भाजपा के साथ गठबंधन करेंगे।

अमरिंदर के मुताबिक 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर पंजाब में सरकार बनाने को लेकर वह प्रयासरत रहेंगे। उनके लिए पंजाब के हित ही सबसे ऊपर हैं। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहली दफा है जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सियासत में अपनी प्लानिंग पर खुलकर बातें की हैं। 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह कांग्रेस छोड़ने और भाजपा ज्वाइन नहीं करने की बात कह चुके हैं।

अमरिंदर मानते हैं कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है। उन्होंने भाजपा के एंटी मुस्लिम होने को भी गलत करार दिया। अमरिंदर ने कहाकि किसान आंदोलन से पहले पंजाब में मोदी सरकार का कोई विरोध नहीं था। उन्होंने खुलासा किया कि किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए भी कोशिशें चल रही हैं।

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