इस्तेमाल की गई पीपीई किट धोकर बेचने का मामला सामने आया, सतना जिले का डिस्पोजल प्लांट आशंका के घेरे में

सतना। कोरोना आपदा में भी लोग अवसर तलाशने से नहीं चूक रहे। पैसा कमाने के लिए किसी भी हद तक जाने की खबर मप्र के सतना जिले से आई है। जहां कोरोना से बचाव के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीपीई किट को धोकर फिर बेचे जाने का मामला सामने आया है। इस गंभीर मामले को लेकर शासन ने प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं।

कोरोनाकाल (Corona era) में लोग आपदा (Disaster) को अपना अवसर बनाते हुए लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र (Maharashtra) में बेहद गंदे तरीके से कोरोना टेस्ट किट (Corona Test Kit) बनाने की तस्वीरों के बाद अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना में इस्तेमाल की हुई PPE किट गर्म पानी में धोकर फिर से बाजार में बेचने का मामला सामने आया है। कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) के मुताबिक, इस्तेमाल किए गए पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए सतना में बड़खेरा के इंडो वॉटर बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट में भेजा जाता है। लेकिन इस वीडियो से ऐसा पता लगा है कि कर्मचारी पीपीई किट को गर्म पानी से धोकर बाकायदा अलग बंडल बनाकर रख देते थे, इसे नये सिरे से पैक कर बाजार में बेचने के लिए तैयार किया जा रहा है।

सतना एसडीएम राजेश शाही ने कहाकि बड़खेरा गांव में प्रदूषण विभाग की टीम भेजी गई है। उन्होंने जांच कर ली है। देखा जाएगा पीपीई किट कहां भेज रहे थे। वैसे सतना सीएचएमओ ने पिछले साल नवंबर में कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए ख़त लिखा था। लेकिन फिलहाल प्रशासन को प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट का इंतज़ार है। राजेश शाही ने कहा है कि पहले पता तो लगा लें कौन दोषी है। प्रथम दृष्टया ये नहीं पता कि किसने बेचा किसने खरीदा, यह जांच का विषय है।

बड़खेरा के इंडो वाटर बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट का संचालन वर्ष 2006-07 से हो रहा है। यहां इन दिनों विन्ध्य क्षेत्र के अलावा लगभग एक दर्जन जिलों से मेडिकल वेस्ट मंगाकर कथित रूप से डिस्पोज का काम किया जाता है। गांव वालों का यह भी आरोप है कि प्लांट में मेडिकल वेस्ट को गलाने का काम पीसीबी की गाइडलाइन से नहीं हो रहा है। जिससे पूरे गांव में बदबू फैलती है। सूत्रों के मुताबिक प्लांट संचालक रीवा, पन्ना, दमोह, सतना, सीधी तथा सिंगरौली जिले के अलावा कुछ जिलों से मेडिकल वेस्ट गाड़ियों में मंगवाते हैं। इन्हीं जगहों पर धुली हुई पीपीई किट भेजे जाने की आशंका है। चूंकि उपयोग की गई किट काटी नहीं जाती लिहाजा नाजायज फायदा उठाया जा रहा है।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter