रेल डिब्बों और इंजनों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे : यात्री सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम, 74,000 डिब्बों और 15,000 इंजनों में लगेेंगे उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे

नई दिल्ली, 13 जुलाई 2025 |  रेल यात्रियों की सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब देशभर के सभी यात्री डिब्बों और इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। यह निर्णय प्रायोगिक परियोजनाओं के सकारात्मक नतीजों के आधार पर लिया गया है। इस योजना से ट्रेनों में यात्रा करने वाले लाखों लोगों की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाएगा।


हर डिब्बे में 4 और इंजन में 6 कैमरे होंगे : रेल मंत्रालय के अनुसार, सभी 74,000 डिब्बों में प्रत्येक डिब्बे के प्रवेश मार्ग पर 2-2 कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे हर दिशा से आने-जाने वाले यात्रियों की गतिविधियां रिकॉर्ड हो सकें। 15,000 लोकोमोटिव इंजनों में 6 कैमरे लगाए जाएंगे — आगे, पीछे, दोनों ओर के बाहरी हिस्सों में एक-एक और अंदर की दोनों कैब में एक-एक डोम कैमरा। इसके अतिरिक्त, लोको डेस्क पर दो माइक्रोफोन भी लगाए जाएंगे ताकि ध्वनि आधारित घटनाओं की भी निगरानी की जा सके।


उन्नत तकनीक से लैस होंगे कैमरे : ये सभी कैमरे STQC प्रमाणित होंगे और इन्हें 100 किमी/घंटे से अधिक गति और कम रोशनी में भी उच्च गुणवत्ता वाले फुटेज रिकॉर्ड करने की क्षमता के साथ लगाया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि निगरानी में कोई कमी न रहे, भले ही ट्रेन तेज रफ्तार में हो या अंधेरे में।


एआई तकनीक के सहयोग से निगरानी : केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने शनिवार को इस योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीसीटीवी डेटा पर इंडिया एआई मिशन के तहत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करने की संभावनाएं तलाशी जाएं, ताकि कैमरों द्वारा एकत्र डेटा का अधिक प्रभावशाली विश्लेषण किया जा सके।


निजता और सुरक्षा में संतुलन : यात्रियों की गोपनीयता का ध्यान रखते हुए कैमरों को केवल डिब्बों के सामान्य आवागमन क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। इससे शरारती तत्वों की पहचान, चोरी, उत्पीड़न, और असामाजिक गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा।


पायलट प्रोजेक्ट में मिले उत्साहजनक परिणाम : रेलवे अधिकारियों ने बताया कि उत्तर रेलवे में पहले से चल रहे परीक्षण सफल रहे हैं, जिससे इस राष्ट्रीय स्तर की योजना को हरी झंडी मिल गई। यह पहल रेलवे की यात्रियों को सुरक्षित, संरक्षित और आधुनिक यात्रा अनुभव देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

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