राज्य के छिपे हुए इतिहास का पता लगाने के लिए ओडिशा अनुसंधान केंद्र – मंत्री प्रधान

भुवनेश्वर : केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल,  विश्वभूषण हरिचंदन और ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास के साथ आज भुवनेश्वर में ओडिशा अनुसंधान केंद्र और ‘ओडिशा की ज्ञान परंपराएं: एक भविष्यवादी रूपरेखा’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सांसद भर्तृहरि महताब, कई अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, शिक्षाविद्, विद्वान, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी और विद्यार्थी उपस्थित थे।

 प्रधान ने सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की कि ओडिशा अनुसंधान केंद्र ओडिशा की विशिष्टता का प्रतिनिधित्व करेगा और अतीत की पृष्ठभूमि के आधार पर वर्तमान और सामाजिक गतिशीलता को नई दिशा प्रदान करे गा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री  प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने के लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इसके माध्यम से बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करने को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि ओडिशा अनुसंधान केंद्र समृद्ध, संपन्न और गौरवशाली रूढ़िवादी समाज की समीक्षा करने और ओडिशा के मूर्तिकारों द्वारा बनाए गए कोणीय मंदिर की पत्थर की नक्काशी के पीछे के वैज्ञानिक कारण और अंतर्निहित प्रक्रिया की खोज में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि ओडिशा अनुसंधान केंद्र कला, संस्कृति, पुरातत्व, परंपरा और साहित्य, ओडिशा के समाजशास्त्र, राजनीतिक प्रक्रिया और राजनीतिक संस्कृति, कृषि, वाणिज्य, व्यापार और उद्योग, समकालीन ओडिशा के विकास के रुझान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य देखभाल तथा भविष्य की प्रौद्योगिकी पर शोध करेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र स्मार्ट शहरों, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास, अर्धचालक और दुर्लभ पृथ्वी तथा उन्नत खनिजों पर भी कार्य करेगा।

 

श्री प्रधान ने यह भी कहा कि वर्ष 2036 में, जब ओडिशा प्रांत के गठन की शताब्दी मनाई जाएगी और वर्ष 2047 में, जब देश भारत की स्वतंत्रता की शताब्दी मनाई जाएगी, तब ओडिशा अनुसंधान केंद्र ओडिशा के विकास और ओडिया के विकास के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा और अगले दो दशकों के लिए ओडिया युवाओं को एक उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन करेगा।

ओडिशा अनुसंधान केंद्र (ओआरसी) की स्थापना भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर); भारतीय ज्ञान प्रणाली प्रभाग, शिक्षा मंत्रालय; भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) संबलपुर; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर; और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर के सहयोग से की जा रही है। केंद्र का उद्देश्य ओडिशा के इतिहास, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और समाज के विविध और सूक्ष्म आयामों का पता लगाने के लिए नवीन ज्ञान प्रदान करने वाले ढांचे का विकास करना है।

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