सिंध पुल में आई दरार का केंद्रीय दल ने किया निरीक्षण, बाढ़ग्रस्त गांवों में मिला मकानों का मलबा, कलेक्टर बताया कितना हुआ नुकसान

Datia News : दतिया। सिंध नदी में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकंलन करने के लिए केंद्रीय दल ने दतिया जिले के कोटरा, सुनारी बाढ़ग्रस्त ग्रामों का दौराकर वहां हुए नुकसान का जायजा लिया और ग्रामीणों से चर्चा की। इस दौरान ग्राम पाली में संचालित राहत शिविर का भी अवलोकन कर वह रहने वाले लोगों का हालचाल जाना। केंद्रीय दल ने झांसी ग्वालियर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिंध नदी के पुल में आई दरार का भी अवलोकन किया।

बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्र सरकार के गृह विभाग के ज्वांइट सेकेट्री सुनील कुमार वर्णमाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय केंद्रीय दल ने दतिया जिले के ग्राम कोटरा एवं सुनारी में पहुंचकर गांव का भ्रमण कर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए मकानों, सामग्री, फसलों आदि की जमीनी हकीकत को देखा और बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा की।

केंद्रीय दल में अभय कुमार, डीके शर्मा भी शामिल रहे। भ्रमण के दौरान भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त के आयुक्त ज्ञानेश्वर पाटिल, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, कलेक्टर संजय कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अतेंद्र सिंह गुर्जर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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केंद्रीय दल ने ग्राम कोटरा एवं सुनारी का भ्रमण करते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों से चर्चा की। प्रभावित परिवारों ने बताया कि बाढ़ के कारण उनका सबकुछ नष्ट हो चुका है। गांव के भ्रमण के दौरान संभागायुक्त सक्सेना ने बाढ़ प्रभावित ग्रामों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के साथ-साथ जेसीबी मशीन के माध्यम से मलबा हटाने के भी निर्देश दिए।

कलेक्टर ने केंद्रीय दल को बताया कि जिले में बाढ़ से 36 गांव प्रभावित हुए है। जिसमें से 16 गांव में घरों में पानी भर गया था। 6 गांव में अत्याधिक नुकसान हुआ है। जिले में दो स्थानों पर बाढ पीड़ितों के लिए राहत शिविर संचालित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण 1676 आवास क्षतिग्रस्त हुए है। 205 पशुधन की हानि हुई है। अनुमानित 700 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना, धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। सर्वे का कार्य जारी है। बाढ़ के कारण 200 कृषि ट्यूबबैल, 50 सिंचाई पंप, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 183 हैंडपंप, जल निगम बड़ौनकलां इंटेकबैल खराब होने के कारण 61 गंाव में पेयजल प्रभावित हुआ है।

बाढ़ के कारण जिले में तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए। जिसमें रतनगढ़ माता, सेवढ़ा पुल और लांच पुल शामिल है। लोक निर्माण विभाग एवं आरईएस की पांच पुल-पुलिया भी बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई है। सीएमपीएसवाई की 33.80 किलोमीटर लंबाई की 11 सड़कें, आरआरडी पीएमसीकेवाई की 0.975 किलोमीटर की 13 सड़कें प्रभावित हुई है। 12.6 किलोमीटर लंबाई का पहुंच मार्ग जनपद पंचायत एवं आरईएस के 26 सीसी रोड, 4 सामुदायिक भवन और चार आंगनबाड़ी केंद्र क्षतिग्रस्त हुए है। मप्र विद्युत वितरण कंपनी की 321 एलटी लाईन, 74 डीटीआर का बाढ़ से नुकसान हुआ है।

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