प्राकृतिक खेती ने बदली किसान की तकदीर : अब सालाना कमा रहे हैं ₹5 लाख

भोपाल  : छिंदवाड़ा जिले के हर्रई विकासखण्ड के ग्राम भुमका के प्रगतिशील किसान पूरनलाल इनवाती ने प्राकृतिक खेती को अपना कर अपनी अलग पहचान बनाई है। पूरनलाल पिछले 6 साल से बिना रसायनों के प्रयोग के प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। इससे उनकी लागत में कमी आई है और खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य भी सुधरा है। उनके खेत में पैदा होने वाले अनाज, सब्जी और फलों की माँग बढ़ी है।

पूरनलाल बताते हैं कि प्राकृतिक खेती की प्रेरणा भोपाल में प्रशिक्षण के दौरान मिली थी। शुरूआत में प्राकृतिक खेती की शुरूआत आधे एकड़ से शुरू की थी। अब धीरे-धीरे बढ़ा कर पूरे 6 एकड़ रकबे में कर रहे है। वे बताते हैं कि उन्हें वर्षभर में 5 लाख रूपये की आमदनी हो जाती है।

पहले रसायनों, कीटनाशकों के प्रयोग से एक एकड़ में 14 से 15 हजार रूपये का खर्च आता था। अब जीवन अमृत के उपयोग से 80 रूपये प्रति एकड़ का खर्च आता है। पूरनलाल ने किसान-कल्याण और उद्यानिकी विभाग की नलकूप खनन, स्प्रिंकलर पाइप-लाइन, ड्रिप इरीगेशन, मछली बीज योजना और जंगली जानवरों से बचाव के लिये कॉप गार्ड यंत्र योजना का लाभ भी लिया है। यही नही अपने खेत में खेत-तालाब योजना में तालाब का निर्माण भी किया है।

प्रगतिशील किसान पूरनलाल ने प्राकृतिक खेती को अपना कर एक एकड़ में केले की खेती, 2 एकड़ में टमाटर एवं अन्य सब्जियाँ और 2 एकड़ में मक्के की खेती करने के साथ ही फलदार पौधे भी लगाये हैं। उनके काम को देखते हुए उन्हें पुरस्कृत भी किया जा चुका है।

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