दतिया । गेहूं खरीदी केंद्रों पर अपनी उपज लेकर पहुंचे किसानों का स्वागत फूल माला पहनाकर किया गया। खरीदी केंद्रों पर पहली बार व्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिला। जिस पर किसानों ने खुशी जाहिर की। कुछ केंद्रों पर आखिरी समय तक तैयारियों को अंतिम रूप देते कर्मचारी नजर आए। किसानों ने पहले दिन गेहूं बेचने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया। खरीदी केंद्र पर पहुंचने वाली की संख्या 500 से भी कम रही। जिले में कुल 73 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही 37 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अनुसार जिले में सभी 73 केंद्रों पर खरीदी का कार्य शुरू कर दिया गया है। जहां पर सहकारिता समिति के प्रबंधक, कंप्यूटर ऑपरेटर, तौलने वाला तथा प्रशासन की तरह से नियुक्त नोडल अधिकारी तैनात रहे। जो किसानों गेहूं बेचने आएंगे उनके खसरा खाता और उनके अन्य दस्तावेज चेक किए जाएंगे। यह कार्य नोडल अधिकारी को दिया गया है। कई खरीदी केंद्रों पर सुबह से ही गहमागहमी रही है। इन केंद्रो पर किसान तो कम सरकारी अमला ज्यादा तत्पर दिखा। इस दौरान कई केंद्रों पर कोरोना गाइड लाइन की तैयारी करते कर्मचारी नजर आए। खरीदी केंद्र पट्टी ततारपुर के समिति प्रबंधक राकेश शर्मा, नोडल अधिकारी राजेंद्र नायक एवं पिपरौआ खरीदी प्रभारी हरिकृष्ण शर्मा तथा जितेन त्रिपाठी आदि लोगों ने खरीदी करने के लिए तैयारी की, परंतु यहां किसान नहीं पहुंचे।
खरीदी केंद्रों पर नहीं पहुंचे किसान
जिले के लगभग 40 से अधिक गेहूं खरीदी केंद्रों पर सुबह से लेकर शाम तक कोई भी किसान नहीं पहुंचा। जबकि औसत सभी केंद्रों से 25-25 एसएमएस किसानों को भेजे गए थे। इन किसानों का आना तय माना जा रहा था। इसके बावजूद किसान नहीं पहुंचे। हालांकि एसएमएस के 3 दिन तक किसानों को उपज लाने की छूट होती है। उसके बाद दोबारा एसएमएस किए जाएंगे।
बसई केंद्र पर कोरोना प्रोटोकाल की सुरक्षा संबंधी सभी उपाय किए गए थे। पहले किसान के रूप में पहुंचे रामनवल जाटव ने बताया कि उन्हें एक दिन पूर्व ही एसएमएस मिला था। जाटव ने अपना गेंहूं की तौल करा ली है और रसीद प्राप्त की। इसी तरह परसोंदा ग्राम के खरीदी केंद्र पर सैनेटाइजर और साबुन पानी तो उपलब्ध था। लेकिन किसानों के लिए छांव की व्यवस्था नजर नहीं आई।
इस बार बिचौलियों पर रहेगी खास नजर
इस बार खरीदी के दौरान बिचौलियो पर खास नजर रखी जाएगी। इसीके तहत किसानों के भेजे एसएमएस देखने के बाद कृषकों की भूू-ऋण पुस्तिका को भी चैक किया जा रहा है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि बिना खसरा मिलान के गेहूं नहीं खरीदा जाएगा। कई खरीदी केंद्रों पर भंडारण की व्यवस्था नहीं होने पर समितियों के खाली कमरों में ही गेहूंं के बोरे रखवाए गए। शाम 4 बजे तक सभी केंद्रों को मिलाकर 182 किसानों ने अपनी उपज बेची।