रामपुर : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के मोगा ढाबा गांव में किसानों के साथ ‘चौपाल पर चर्चा’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कृषि सुधारों, फसल समस्याओं और सरकारी योजनाओं पर चर्चा की।
कार्यक्रम की शुरुआत किसानों से सीधे संवाद के साथ हुई, जिसमें मंत्री ने धान रोपाई से जुड़ी जानकारियां लीं और बताया कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत वैज्ञानिक देशभर के 60,000 गांवों में जाकर किसानों से सीधे संवाद कर रहे हैं। उन्होंने इसे स्वतंत्र भारत में “लैब टू लैंड” दृष्टिकोण के सबसे बड़े प्रयासों में से एक बताया।
इस दौरान किसानों ने धान की 1509 किस्म में आ रही बीमारियों का मुद्दा उठाया। मंत्री ने वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि वे इस किस्म में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और नई उन्नत किस्मों के विकास के लिए तेजी से कार्य करें। सोलर पैनल से जुड़ी चुनौतियों पर भी चर्चा की गई, जिसके समाधान हेतु मंत्री ने आवश्यक कदम उठाने की बात कही।
एक महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को भी हटाने का फैसला लिया गया है। इससे किसानों को वैश्विक बाजारों में बेहतर दाम प्राप्त होने की संभावना है।
मृदा स्वास्थ्य परीक्षण की मांग को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने कहा कि अब अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए 15 मिनट में मृदा परीक्षण रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार इन तकनीकों को गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाएगी।
किसानों द्वारा कीटनाशकों और खाद की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करने पर मंत्री ने बताया कि अमानक उत्पादों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को अनावश्यक रूप से उर्वरक या कीटनाशक खरीदने के लिए बाध्य न किया जाए।
कार्यक्रम के अंत में चौहान ने कहा कि वे स्वयं हर सप्ताह दो दिन खेतों में जाकर किसानों से मिलेंगे, ताकि उनकी समस्याओं को प्रत्यक्ष रूप से समझा जा सके और नीति-निर्माण को जमीनी अनुभवों से जोड़ा जा सके।