बजट 2023 : नए टैक्स सिस्टम में 7 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री , सिगरेट, शराब महंगी, यहां देखिए पूरी लिस्ट !

 

नई दिल्ली : बढ़ती महंगाई के दौर में नया बजट आम आदमी के लिए एक बड़ी रहत लेकर आया है जहा कई बदलाव के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैप में बड़ी छूट दी है जो निश्चित ही मिडिल क्लास के लिए फायदेमंद साबित होगी।

हालांकि के आने वाले वर्षो में आम चुनावों का समय भी शुरू होने वाला है , इसे को मध्येनजर रखते हुए बजट में कुछ बड़े ऐलान किये गए है जिसमें कृषि क्षेत्र , शिक्षा , टेक्नोलॉजी , स्टार्टअप सहित आम जनता को टैक्स में भी भरी छूट दे गई है , वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए नई कर व्यवस्था के तहत संशोधित कर स्लैब की घोषणा की। 

नई कर व्यवस्था के तहत ये होगी टैक्स स्लैप –

आय टैक्स
0 – 3 लाख 0 %
3 – 6 लाख 5 %
6 – 9 लाख  10 %
9 – 12 लाख  15 %
12 -15 लाख  20 %
15 लाख से अधिक  30%

 

0-3 लाख रुपये की आय शून्य है। नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये से अधिक और 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत छह लाख रुपये से अधिक और नौ लाख रुपये तक की आय पर 10 फीसदी कर लगेगा। नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये से अधिक और 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी कर लगेगा। 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी कर लगेगा।

‘महिला सम्मान बचत पत्र’
वित्त मंत्री ने नई छोटी बचत योजना ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ की भी घोषणा की, जो मार्च 2025 तक उपलब्ध कराई जाएगी। यह आंशिक निकासी विकल्प के साथ 7.5 प्रतिशत की निश्चित ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक की जमा सुविधा प्रदान करेगी।

रेलवे को मिलेंगे 2.4 लाख करोड़
वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार इस वित्तीय वर्ष में भारतीय रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये प्रदान करेगी। जहा ट्रैन और नए अनुसधान में विकास की उम्मीद है।

एफएम के लिए 5300 करोड़ रुपये की घोषणा
एफएम ने भारत के बेहतर कनेक्टेड शहरों के लिए कड़ी मेहनत करते हुए कहा कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए 50 अतिरिक्त हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स, वॉटरपोर्ट्स और अग्रिम लैंडिंग ग्राउंड को पुनर्जीवित किया जाएगा आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले, एफएम ने घोषणा की कि कर्नाटक के सूखाग्रस्त क्षेत्र में ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए 5300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने कपड़ा और कृषि को छोड़कर अन्य वस्तुओं पर मूलभूत सीमा शुल्क की दरों की संख्या 21 से घटाकर 13 कर दी गई है। इससे खिलौने, साइकिल, ऑटोमाबाइल और नाफ्टा सहित कुछ वस्तुओं के मूलभूत सीमा शुल्कों, उपकरों और अधिभारों में मामूली परिवर्तन हुआ है।

हरित गतिशीलता
मिश्रित कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस पर कर प्रपात से बचने के लिए वित्त मंत्री ने उसमें निहित कंप्रेस्ड गैस, जिस पर जीएसटी भूगतान किया गया है उस पर उत्पाद शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। हरित गतिशीलता को अधिक संवेग प्रदान करने के लिए विद्युत वाहनों में प्रयुक्त बैटरियों के लिथियम आयन सेलों के विनिर्माण के लिए आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं और मशीनरी के आयात पर सीमा शुल्क में छूट दी जा रही है।

सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्मला सीतारामन ने बैटरियों के लिए लिथियम-आयन सेल्स पर रियायती शुल्क जारी रखने और कैमरा लेंस जैसे कुछ पुर्जों और सामानों के आयात पर सीमा शुल्क में और एक साल तक राहत देने का प्रस्ताव किया है ताकि मोबाइल फोनों के विनिर्माण में घरेलू मूल्य संवर्धन को और मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि भारत में मोबाइल फोन उत्पादन जो 2014-15 में लगभग 18900 करोड़ रुपए मूल्य की 5.8 करोड़ यूनिट था पिछले वित्तवर्ष में बढ़कर 2,75000 करोड़ रुपए मूल्य की 31 करोड़ यूनिट हो गया।

चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम सहित सरकार की विभिन्न पहलों के परिणाम स्वरूप ऐसा हुआ। उन्होंने टेलीविजन के विनिर्माण में मूल्यसंवर्धन को बढ़ावा देने के लिए टीवी पैनलों की खुली सेलों के पार्ट्स पर बीडीसी घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव किया।

इलेक्ट्रिकल्स
वित्त मंत्री ने विद्युत किचन चिमनी पर बीसीडी 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने और हीट क्वायलों पर 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। इस परिवर्तन से शुल्क ढांचे का इनवर्जन दुरुस्त होगा और विद्युत किचन चिमनियों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।

रसायन और पेट्रोरसायन
इथनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को समर्थन देने और भारत के ऊर्जा पारगमन के लिए प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए मंत्री महोदया ने डिनेचर्ड इथाइल अल्कोहल पर बीसीडी माफ करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने घरेलू फ्लूरो केमिकल्स उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एसिड ग्रेड फ्लोर्सपार पर मूलभूत सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने की घोषणा की। इसके अलावा ईपीक्लोरोहाइड्रिन के विनिर्माण में उपयोग के लिए कच्चे ग्लिसरीन पर मूलभूत सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।

समुद्री उत्पाद
वित्त मंत्री ने समुद्री उत्पादों के निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए झींगी (श्रिम्प) फीड के घरेलू विनिर्माण के लिए प्रमुख इनपुट पर बीसीडी कम करने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में समुद्री उत्पादों में सबसे अधिक निर्यात वृद्धि दर्ज की है जिससे देश के तटीय राज्यों में किसानों को लाभ हो रहा है।

प्रयोगशाला निर्मित हीरा
बजट में वित्त मंत्री ने प्रयोगशाला में निर्मित हीरों में प्रयोग होने वाले शीड्स पर मौजूदा 5 प्रतिशत बीसीडी को समाप्त करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि भारत का प्राकृतिक हीरा उद्योग की कटाई और तराशी में वैश्विक कारोबार में लगभग तीन-चौथाई योगदान है। प्राकृतिक हीरों के भंडारों में कमी के कारण यह उद्योग प्रयोगशाला निर्मित हीरों की ओर बढ़ रहा है।

बहुमूल्य धातुएं : वित्त मंत्री ने सोने के डोरे और छड़ों तथा प्लेटिनम से बनी वस्तुओं पर शुल्कों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। सोने के डोरों और छड़ों तथा प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को इस वित्त वर्ष के शुरुआत में बढ़ाया गया था। उन्होंने चांदी के डोरे, छड़ों और उससे बने सामानों पर भी आयात शुल्क बढ़ाने और उन्हें सोने और प्लेटिनम के साथ संरेखित करने का प्रस्ताव किया है।

धातुएं : स्टील क्षेत्र के लिए कच्ची माल सामग्री की उपलब्धता सुगम बनाने के लिए वित्त मंत्री ने सीआरजीओ स्टील, फैरस स्क्रैप और निकिल कैथोड के विनिर्माण के लिए कच्ची सामग्री पर बीसीडी से छूट जारी रखने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने मुख्य रूप से एनएसएमई क्षेत्र से संबंधित सेकेंड्री ताम्बा (कॉपर) उत्पादकों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कॉपर स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत की रियायती छूट जारी रखने का प्रस्ताव किया है।

सम्मिश्रित रबर : सीतारामन ने शुल्क की परिवंचना को रोकने के लिए सम्मिश्रित रबर पर मूलभूत सीमा शुल्क को बढ़ाकर, लेटेक्स को छोड़कर अन्य प्राकृतिक रबर के बराबर, 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत या 30 रुपए प्रति किलोग्राम, जो भी कम हो, करने का प्रस्ताव किया है।

सिगरेट : वित्त मंत्री ने विनिर्दिष्ट सिगरेटों पर राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता शुल्क (एनसीडीसी) को लगभग 16 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया। इसे तीन वर्ष पूर्व संशोधित किया गया था।

जीएसटी कानूनों में विधायी परिवर्तन : सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 और धारा 138 को संशोधित किया जा रहा है।

● जीएसटी के तहत अभियान शुरू करने के लिए न्यूनतम प्रारंभिक कर राशि एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए करना। इसमें माल या सेवाएं या दोनों की आपूर्ति बिना बीजक जारी करने के अपराध को शामिल नहीं किया गया है।
● प्रशमन राशि को कर राशि की मौजूदा रेंज को 50 प्रतिशत से 150 प्रतिशत के दायरे से घटाकर 25 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के दायरे में लाना।
● जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 132 की उप-धारा (1) के खंड (जी), (जे) और (के) के तहत विनिर्दिष्ट कतिपय अपराधों को गैर-अपराधिकता बनाना अर्थात
● किसी अधिकारी को उसके कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालाना या रोकना;
● साक्ष्य सामग्रियों के साथ जानबूझकर छेड़खानी करना;
● सूचना देने में असफल रहना।
सीतारामन ने सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 37, 39, 44 और 52 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया ताकि संगत विवरणी/ विवरण फाइल करने की निर्धारित तारीख से अधिकतम तीन वर्ष की अवधि तक विवरणी/ विवरण फाइल करने पर प्रतिबंध लगाया जा सके।

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