नगर परिषद सब्जी मंडी की जगह पार्क बनाने पर अड़ी : विक्रेताओं को दिया 24 घंटे का नोटिस, मामला एसडीएम के पास पहुंचा

Datia news : दतिया। सब्जी मंडी हटाने को लेकर नगर परिषद के सामने विक्रेता विरोध के स्वर उठाने लगे हैं। इसे लेकर दिए गए नोटिस को लेकर थोक सब्जी विक्रेता लामबंद हो गए हैं। भांडेर में मेला मैदान में लगने वाली थोक सब्जी मंडी को अतिक्रमण मानकर नगर परिषद ने यहां थोक सब्जी विक्रेताओं को तीसरा नोटिस देकर 24 घंटे में जगह छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। अन्यथा की स्थिति में अतिक्रमण हटाए जाने की स्थिति में नगर परिषद जो व्यय करेगी, उसे अतिक्रमण न हटाने वाले अतिक्रमणकारी सब्जी विक्रेताओं से वसूला जाएगा।

इस नोटिस को लेकर थोक सब्जी विक्रेताओं ने रोष जताते हुए गुरुवार को अभिभाषक राधागोविंद बुधौलिया के नेतृत्व में ज्ञापन एसडीएम भांडेर संतोष तिवारी को सौंपा। एसडीएम ने शुक्रवार को मौका मुआयना करने का आश्वासन दिया है।

जानकारी के मुताबिक मेला मैदान स्थित पानी की टंकी के पास अमृत टू योजनांतर्गत एक पार्क का निर्माण कराना चाहती है। जिस जमीन पर यह पार्क बनना है, उसके कुछ हिस्से पर गत तीन वर्षों से सब्जी के थोक विक्रेताओं ने अस्थाई दुकानें बना रखी हैं।

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सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि करीब तीन साल पहले वर्तमान जगह यह कहकर दी गई थी कि अब यदि यहां से जाओगे तो स्थाई मंडी में ही जाओगे। लेकिन अब फिर से नया फरमान जारी कर दिया गया। बार-बार जगह बदलने पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

अब एसडीएम देखने जाएंगे मौका : गुरुवार को एसडीएम को दिए ज्ञापन में उल्लेख है कि नगर परिषद प्रतिदिन और मासिक आधार पर जब इनसे टैक्स की वसूली करती है और तो फिर ये अतिक्रमणकारी कहां से हो गए।

ज्ञापन के माध्यम से एसडीएम को अवगत कराया कि कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार के शासनकाल में तत्कालीन भांडेर विधायक केसरी चौधरी ने सब्जीमंडी के लिए इस जगह को चयनित भी किया था। लेकिन उस निर्णय को भी दरकिनार कर यहां पार्क निर्माण की योजना बनाई जा रही है।

पहले भी हो चुकी है झड़प : बता दें कि वर्तमान नपं के अस्तित्व में आने के पूर्व प्रशासनिक काल के दौरान संस्कृत पाठशाला की जगह से बेदखल किए जाने के दौरान सब्जी विक्रेताओं से अतिक्रमण हटाने पहुंचे लोगों से झड़प भी हो गई थी और उस दौरान चार सब्जी विक्रेताओं तालिब, टुम्मन, शंकर तथा इमरान पर प्रशासनिक बाधा उत्पन्न करने का प्रकरण दर्ज हुआ था। हालांकि इसी वर्ष कुछ महीने पहले ही चारों उस मामले में बरी हो चुके हैं।

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