Patna News : पटना । लोकजन शक्ति पार्टी (लोजपा) में बगावत के बाद बिहार की राजनीति में कांग्रेस एक बार फिर चर्चा में है। कयास हैं कि जदयू अपने खेमे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश करेगा। कांग्रेस को तोड़ने की कोशिशें विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से हो रही हैं। हालांकि कांग्रेस अपने को एकजुट रखने में अब तक सफल रही है।
विधानसभा चुनाव जीतकर आने वाले कांग्रेस के 19 विधायकों में से 12 तो विशुद्ध कांग्रेसी है, लेकिन नौ विधायक ऐसे हैं, जिनका इतिहास दल बदलने का रहा है। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं, जिनका मूल जदयू रहा है। कांग्रेस में आने और जीत दर्ज कराने के बाद भी जदयू से उनके दोस्ताना संबंध बने हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो बक्सर, मनिहारी के अलावा मुजफ्फरपुर, राजपुर के विधायक भी पाला बदलकर विधानसभा तक पहुंचे हैं।
इनके साथ ही कुछ और विधायक भी हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में जदयू के नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी से उनके नजदीकी संबंध है। चर्चा है कि भाजपा की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी और जदयू के सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी के तेवर को देखते हुए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश हो सकती है।